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सोनिया गांधी ने 23 मई को गठबंधन दलों की बुलाई बैठक, 272 के आंकड़े पर नजर

 à¤¯à¥‚पीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मतगणना के दिन सहयोगी दलों की बैठक बुलाई है। इसके साथ ही प्रमुख विपक्षी दलों को भी बैठक का न्योता भेजा गया है। सोनिया गांधी ने अखिलेश यादव और मायावती समेत विपक्ष के सभी प्रमुख नेताओं को 23 मई की बैठक में शामिल होने के लिए पत्र लिखा है। बैठक में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव को भी बुलाने की कोशिश हो रही है।

सोनिया के खास अहमद पटेल को इन दोनों नेताओं से संपर्क साधने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। द्रमुक, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) जैसे सहयोगी दलों को भी बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। इन दोनों दलों के नेताओं एमके स्टालिन और शरद पवार ने बैठक में शामिल होने की पुष्टि भी कर दी है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू भी बैठक का शिरकत करेंगे। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पाले में करने की कोशिशें की जा रही हैं।

वाईएसारसीपी के जगनमोहन रेड्डी से भी बैठक में शामिल होने के लिए संपर्क किया जा रहा है। इस बैठक का मुख्य उद्देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजग के बहुमत के आंकड़े से पीछे रह जाने की स्थिति के बाद के हालात पर विचार करना है। राहुल गांधी को कांग्रेस की कमान सौंपने के बाद सोनिया गांधी एक तरह से शांत होकर बैठ गई थी। अब सरकार के गठन को लेकर फिर से सक्रिय हो गई हैं।

संभावना जताई जा रही है कि यदि उत्तर प्रदेश में जातिगत समीकरण सफल रहा तो अखिलेश और मायावती को बड़ी जीत मिल सकती है, लिहाजा यूपीए की नजर अखिलेश और माया पर प्रमुखता से टिकी है। हालांकि, चुनाव से पहले कांग्रेस उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा के गठबंधन में शामिल नहीं हो सकी थी, लेकिन इनके बीच लड़ाई दोस्ताना ही नजर आई। भाजपा का वोट काटने के लिए कांग्रेसने ज्यादातर सीटों पर ऊंची जाति के प्रत्याशी खड़े किए। इसके बदले में सपा-बसपा गठबंधन ने गांधी परिवार की पारंपरिक सीटों अमेठी और रायबरेली में अपने प्रत्याशी नहीं उतारे।

इन दलों के नेता भी लगातार संपर्क में बने रहे। अब जब सोनिया गांधी ने अखिलेश और मायावती को पत्र लिखा है, इससे भी साफ होने लगा है कि गठबंधन के नेता भी यूपीए में शामिल होने में दिलचस्पी रखते हैं। सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आइपी सिंह उत्तर प्रदेश में गठबंधन को 60 सीटों पर जीत मिलने का दावा कर रहे हैं। हालांकि, यूपी में पीएम मोदी की रैलियों को देखते हुए उनके इस दावे में बहुत दम नजर नहीं आता। उनका यह भी कहना है कि 23 मई के बाद सरकार के गठन में गठबंधन की अहम भूमिका होगी।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और जगनमोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के 23 मई को सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल होने की संभावना नहीं है। दोनों ही दलों ने आधिकारिक रूप से बैठक के लिए निमंत्रण मिलने से ही इन्कार किया है। दोनों दलों की मंशा चुनाव की तस्वीर साफ होने तक इंतजार करने की है। वहीं, वाईएसआरसीपी के कुछ नेताओं ने इस पर हैरानी जताई कि जब मतगणना चल ही रही होगी तब कोई नेता कैसे बैठक में शामिल होने जा सकता है।

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