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मर्डर केस में 27 गवाहों में से मां की गवाही को माना अहम, छह को उम्रकैद

इंदौर। à¤¶à¤¹à¤° में 10 साल पहले हुए चर्चित गुल्टू (विकास वर्मा) हत्याकांड पर शनिवार को सुनवाई पूरी हुई। हत्याकांड में पीड़ित पक्ष की ओर से 27 गवाह पेश किए गए। कोर्ट ने गुल्टू की मां बसंती वर्मा की गवाही को अहम माना। अपर सत्र न्यायाधीश प्राणेश कुमार प्राण की अदालत ने दो आरोपितों को बरी कर दिया वहीं छह को उम्रकैद की सजा सुनाई। जिन दो आरोपितों को बरी किया उनमें से एक शंकर यादव नगर निगम के पूर्व सभापति रह चुके हैं। वर्तमान में वे निगम में एमआईसी मेंबर हैं। गुल्टू की मां बसंती की एक माह पहले बीमारी से मौत हो चुकी है। लोक अभियोजक अभिजीत सिंह राठौर ने बताया कि 27 अगस्त 2009 को द्वारकापुरी में वहीं के निवासी गुल्टू की हत्या कर दी गई थी। हत्याकांड में शंकर यादव, दीपक यादव, राजू यादव, महेंद्र सोलंकी, राजेंद्र सोलंकी, पप्पू वर्मा, नवीन महाजन व नीलेश महाजन आरोपी थे।

कोर्ट ने शंकर यादव व पप्पू वर्मा को दोषमुक्त कर दिया। वहीं छह आरोपितों को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास व पांच पांच हजार रुपए जुर्माना और धारा 148 बलवा के तहत तीन-तीन साल की सजा व दो-दो हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।इस बयान को माना अहम : à¤—ुल्टू की मां बसंती वर्मा ने कोर्ट में बयान दिया था कि घर पर फोन आया कि केबल लाइन खराब है। जब वह फोन पर बताए स्थान पर बेटे को लेकर पहुंची तो वहां आरोपितों ने घेरकर उसकी हत्या कर दी।

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