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गुरु पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण, पूरे भारत में दिखाई देगा, जानिये क्‍या पड़ेगा प्रभाव

 à¤—ुरु पूर्णिमा पर 16 जुलाई को खंडग्रास चंद्र ग्रहण रहेगा। करीब तीन घंटे तक लोग आकाश में खगोलीय घटना का नजारा देख सकेंगे। ज्योतिषियों के अनुसार 16-17 जुलाई की दरमियानी रात 1.32 बजे ग्रहण का स्पर्श होगा। रात्रि 3.01 बजे ग्रहण का मध्य रहेगा। रात्रि 4.30 बजे ग्रहण का मोक्ष होगा। ग्रहण का कुल समय 2 घंटे 58 मिनट का रहेगा। वर्ष 2018 में भी 27 जुलाई को गुरु पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण था।

 à¤‡à¤¸ बार आषाढ़ी पूर्णिमा पर 16 जुलाई को पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, वैधती योग, विशिष्ट करण तथा धनु राशि के चंद्रमा की साक्षी में आ रही है। ग्रह गोचर की दृष्टि से देखें तो इस दिन खंडग्रास चंद्र ग्रहण का योग बन रहा है। यह ग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा।

उत्तराषाढ़ा नक्षत्र तथा धनु व मकर राशि में चंद्र ग्रहण होने से अतिवृष्टि के साथ कहीं कहीं प्राकृतिक असंतुलन की स्थिति निर्मित होगी। ग्रहों की दृष्टि से देखें तो यह चंद्र ग्रहण धनु राशि में चंद्र केतु शनि की त्रिग्रही युति के साथ है। यही नहीं इसका समसप्तक दृष्टि संबंध मिथुन राशि स्थित सूर्य, राहु व शुक्र की त्रिग्रही युति से बन रहा है।

ग्रह युतियों में देखें तो दोनों युतियों में चार ग्रह राहु-केतु से पीड़ित हैं। इसका असर प्राकृतिक, सामाजिक व राजनीतिक प्रभावों को दर्शाएगा।

इन क्षेत्रों में नजर आएगा ग्रहण का प्रभाव

-चंद्र ग्रहण का प्रभाव शासन की कार्यप्रणाली में परिवर्तन के रूप में दिखाई देगा। अधिकारियों में कार्य का परिवर्तन होगा।

 

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