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बाढ़ से हाहाकार: राहुल गांधी बोले- बचाव कार्य में जुटें कांग्रेस कार्यकर्ता

देश के कई इलाके बाढ़ की चपेट में हैं. असम और बिहार के कई जिले डूब गए हैं और 50 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने कार्यकर्ताओं से राहत और बचाव कार्य में जुटने की अपील की है. मंगलवार को राहुल गांधी ने टि्वटर पर लिखा, 'असम, बिहार, उतर प्रदेश, त्रिपुरा और मिजोरम में बाढ़ से हालात बेकाबू हो गए हैं. जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है. मैं इन सभी राज्यों के कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील करता हूं कि वे आम लोगों के राहत और बचाव कार्य में तत्काल जुटें.'

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में कई जिलों में नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है. इस कारण सूबे के कई इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. प्रदेश में प्रमुख नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं. लखीमपुर खीरी पलियां कला से बहने वाली शारदा नदी काफी उफान मार रही है. यह खतरे के निशान को पार करते हुए 154.290 मीटर तक पहुंच गई है. यहां पर कटान के कारण कई गांव जलमग्न हैं. लोग बचने के लिए सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं.

बिहार के उत्तरी हिस्सों के करीब सभी जिलों में शहर से गांव तक बाढ़ का पानी कहर ढा रहा है. लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण लिए हुए हैं. इस बीच नदियों के जलस्तर में वृद्धि के बाद नए क्षेत्रों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर रहा है. बिहार के जिन इलाकों में बाढ़ का सबसे ज्यादा असर है, उनमें अररिया, किशनगंज, सुपौल, दरभंगा, शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, मुजफ्फरपुर जिला शामिल हैं. अधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के 55 प्रखंड के 352 पंचायत के 18 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.

त्रिपुरा और मिजोरम के निचले इलाकों और गांवों में बारिश के कारण आई बाढ़ से प्रभावित 15,000 से ज्यादा लोगों को राहत शिविरों और अन्य सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है. बारिश और भूस्खलन के कारण त्रिपुरा और मिजोरम का देश के बाकी हिस्से से रेल मार्ग से संपर्क टूट गया है. बाढ़ के कारण नदियों में आए उफान में डूबे तीन लोगों के शव बरामद किए गए हैं. असम में भी यही हाल है और ब्रह्मपुत्र नदी का पानी बढ़ने से लाखों लोग प्रभावित हुए हैं.

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