मोहन à¤à¤¾à¤—वत बोले- ‘बिना संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ के à¤à¤¾à¤°à¤¤ को पूरी तरह से जानना असंà¤à¤µâ€™
नागपà¥à¤°: राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤µà¤¯à¤‚सेवक संघ (आरà¤à¤¸à¤à¤¸) के चीफ मोहन à¤à¤¾à¤—वत ने कहा है कि बिना संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ के à¤à¤¾à¤°à¤¤ को पूरी तरह से जानना असंà¤à¤µ है. à¤à¤¾à¤—वत ने दावा किया कि खà¥à¤¦ डॉ. बाबासाहब आंबेडकर संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ न सीख पाने से दà¥à¤–ी थे. उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ लगता था कि अगर वे संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ जान पाते तो à¤à¤¾à¤°à¤¤ की मानसिकता को अचà¥à¤›à¥€ तरह समठपाते.
नागपà¥à¤° में कवी कà¥à¤²à¤—à¥à¤°à¥ कालिदास संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के à¤à¤• कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में मोहन à¤à¤¾à¤—वत ने कहा, ‘’संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ को न सीख पाने की वजह से ही बाबासाहब को à¤à¤¾à¤°à¤¤ को जानने के लिà¤, à¤à¤¾à¤°à¤¤ की परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं को समà¤à¤¨à¥‡ के लिठपशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ लेखकों की तरफ से संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ गà¥à¤°à¤‚थो की अनà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤¤ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‹à¤‚ पर अवलमà¥à¤¬à¤¿à¤¤ रहना पड़ा.’’
मोहन à¤à¤¾à¤—वत ने आगे कहा, ‘’इन पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ लेखकों ने संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ के गà¥à¤°à¤‚थो का कितना सही अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ किया होगा, यह à¤à¥€ à¤à¤• पहेली है. शायद इसलिठडॉ आंबेडकर कहते थे कि अगर वे संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ सीख पाते तो à¤à¤¾à¤°à¤¤ की मानसिकता को वे अधिक अचà¥à¤›à¥€ तरह समठपाते.’’
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा, ‘’à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं पर अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ के बà¥à¤¤à¥‡ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ की वजह से ही आज की पीà¥à¥€ के बालक उन à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं के कई शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ को नहीं जानते.’’