रौदà¥à¤°à¤°à¥‚प में आई चंबल, खतरे के निशान से 2.5 मीटर ऊपर बह रही, सैकड़ों गांव पानी से घिरे
मà¥à¤°à¥ˆà¤¨à¤¾/à¤à¤¿à¤‚ड। कोटा बैराज से छोड़े गठपानी से चंबल अपने रौदà¥à¤° रूप में आ गई। राजघाट पà¥à¤² पर शà¥à¤•à¥à¤°à¤µà¤¾à¤°-शनिवार की रात करीब तीन बजे चंबल खतरे के निशान को पार कर गई। शनिवार दोपहर तीन बजे चंबल का सà¥à¤¤à¤° खतरे के निशान से 2.5 मीटर ऊपर पहà¥à¤‚च गया।
राजघाट पà¥à¤² पर चंबल के खतरे का निशान 138 मीटर पर है और चंबल का जल सà¥à¤¤à¤° 140.50 मीटर पर था। चंबल में आठउफान की वजह से सबलगॠसे लेकर पोरसा तक 89 गांव टापू में बदल गà¤à¥¤ इन गांवों का संपरà¥à¤• जिला मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ से कट गया है। कमोवेश यही हाल à¤à¤¿à¤‚ड का à¤à¥€ है, जहां चंबल खतरे के निशान से 1.10 मीटर ऊपर है। यहां à¤à¥€ करीब 30 से 35 गांव टापू बन गठहैं।
- 1996 में चंबल का जल सà¥à¤¤à¤° बà¥à¤¾ था और पानी पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ राजघाट पà¥à¤² से करीब 12 फीट ऊपर निकल गया था। उस समय à¤à¥€ चंबल के किनारे के गांवों में बाॠके हालात पैदा हो गठथे। साथ ही पांच दिन तक टà¥à¤°à¥ˆà¤«à¤¿à¤• बाधित रहा था।
- 2006-07 में à¤à¥€ चंबल का पानी राजघाट पà¥à¤² के करीब 2 फीट ऊपर से निकल गया था। उस समय à¤à¥€ जिले में चंबल के किनारे के गांवों में बाॠजैसे हालात बने थे।
- 2013 में à¤à¥€ चंबल का पानी खतरे के निशान को पार कर गया था। हालांकि 2013 में कà¥à¤› ही गांवों के आसपास पानी à¤à¤°à¤¾ था। इसके बाद के सालों में चंबल में इतना पानी नहीं आया। अब 2019 में चंबल खतरे के निशान को पार कर पà¥à¤² के बराबर पहà¥à¤‚ची है।
चंबल का पानी चंबल किनारे के खेतों में à¤à¥€ à¤à¤° गया है। खेतों में खरीफ की फसल बाजरा व अनà¥à¤¯ फसलें खड़ी हैं। बाॠकी वजह से ये फसलें खराब हो गई हैं। अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• पूरे जिले में करीब 10 हजार हैकà¥à¤Ÿà¥‡à¤¯à¤° से अधिक जमीन पर खड़ी फसल खराब हà¥à¤ˆ है या हो जाà¤à¤—ी।