यहां शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ रूप में सजीं माता तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¥à¤° सà¥à¤‚दरी, होठों से लगी बांसà¥à¤°à¥€ और सजा मोरपंख मà¥à¤•à¥à¤Ÿ
नरसिंहपà¥à¤°à¥¤ शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ जनà¥à¤®à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¤®à¥€ जिले à¤à¤° में धूमधाम शà¥à¤°à¥‚ हो गई है, आरà¥à¤•à¤·à¤• रूप से सजे मंदिरों में à¤à¤—वान राधा-शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ की मनोहारी à¤à¤¾à¤‚किया सजाई गईं हैं और तोरण दà¥à¤µà¤¾à¤°à¥‹à¤‚ से मंदिरों के कपाट à¤à¤—वान के जनà¥à¤® का उतà¥à¤¸à¤µ मनाने के लिठतैयार हैं। गोटेगांव के परमहंसी सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¥à¤° सà¥à¤‚दरी माता मंदिर में à¤à¤—वती की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ का शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ रूप में मनोहारी शà¥à¤°à¥ƒà¤‚गार किया गया है। खास परिधान में शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ बनी माता के होठों से बांसà¥à¤°à¥€ लगाई गई है तो वहीं मोरपंख का मà¥à¤•à¥à¤Ÿ माता के सिर की शोà¤à¤¾ बढ़ा रहा है। मां की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ की दोनों तरफ कामधेनॠगायों की à¤à¤¾à¤‚की यहां आने वाले शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं को मंतà¥à¤°à¤®à¥à¤—à¥à¤§ कर रही हैं। इस मंदिर में अकà¥à¤¸à¤° मां का à¤à¤¸à¤¾ ही शà¥à¤°à¥ƒà¤‚गार किया जाता है। सावन सोमवार के दिन à¤à¥€ मां को à¤à¤—वान à¤à¥‹à¤²à¥‡à¤¨à¤¾à¤¥ के रूप में सजाया गया था।