आज आधी रात à¤à¤¾à¤°à¤¤ चांद पर रखेगा कदम, सांसे रोक देने वाले होंगे वो 15 मिनट
नई दिलà¥à¤²à¥€à¥¤ 22 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ को बाहà¥à¤¬à¤²à¥€ पर सवार होकर चंदा मामा से मिलने के लिठनिकले चंदà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¨ के मामा के घर पहà¥à¤‚चने का वकà¥à¤¤ आ गया है। घड़ी की सà¥à¤‡à¤¯à¤¾à¤‚ जैसे-जैसे आगे बॠरही हैं, सवा अरब à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ की धड़कनें à¤à¥€ तेज होती जा रही हैं। करीब डेॠमहीने पहले चांद के सफर पर निकले चंदà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¨-2 का लैंडर "विकà¥à¤°à¤®" इतिहास रचने से कà¥à¤› ही घंटे की दूरी पर है।
शà¥à¤•à¥à¤°à¤µà¤¾à¤°-शनिवार की दरमà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥€ रात डेॠसे ढाई बजे के बीच लैंडर चांद पर उतरेगा। à¤à¤¾à¤°à¤¤ के साथ-साथ पूरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ की निगाहें इस उपलबà¥à¤§à¤¿ का गवाह बनने का इंतजार कर रही हैं। इस उपलबà¥à¤§à¤¿ के साथ ही à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¤¸à¤¾ करने वाला चौथा देश बन जाà¤à¤—ा। अब तक केवल अमेरिका, रूस और चीन ने चांद पर अपना यान उतारा है।
उन 15 मिनटों तक थमी रहेंगी सांसे
जैसे ही विकà¥à¤°à¤® लैंडर के चांद पर उतरने का वकà¥à¤¤ आà¤à¤—ा तब से लेकर लैंडिंग तक के 15 मिनट मिशन के सबसे अहम पल होंगे। जिस वकà¥à¤¤ इसे चांद पर उतारने की तैयारी होगी उस वकà¥à¤¤ इसकी रफà¥à¤¤à¤¾à¤° कम की जाà¤à¤—ी ऑरà¥à¤¬à¤¿à¤Ÿà¤° से अलग होने के बाद यह 6100 किमी से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ की सà¥à¤ªà¥€à¤¡ से घूम रहा है और लैंडिंग के लिठइसकी सà¥à¤ªà¥€à¤¡ कम करके 525 किमी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤˜à¤‚टे पर लाई जाà¤à¤—ी। जब विकà¥à¤°à¤® चांद से चंद किमी दूर होगा इसकी रफà¥à¤¤à¤¾à¤° और कम होगी। आखिरकार जह यह चांद की सतह से महज 400 मीटर दूर होगा तब इसे कà¥à¤› पलों के लिठबंद किया जाà¤à¤—ा। यहां विकà¥à¤°à¤® अपने उतरने की जगह तय करेगा। जब यह चांद से महज 10 मीटर की दूरी पर होगा तब 13 सेकंड में यह चांद की सतह को छà¥à¤à¤—ा और à¤à¤¸à¤¾ करते ही इसके सà¤à¥€ 5 इंजन काम करने लगेंगे। इसके लैंड होने के 15-20 मिनट बाद रोवर पà¥à¤°à¤œà¥à¤žà¤¾à¤¨ बाहर आà¤à¤—ा।
उड़न तशà¥à¤¤à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की तरह उतरेगा
इसरो पà¥à¤°à¤®à¥à¤– के सिवन का कहना है कि लैंडर चांद पर कà¥à¤› उसी तरह उतरेगा, जैसे साइंस फिकà¥à¤¶à¤¨ फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ में उड़न तशà¥à¤¤à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को उतरते हà¥à¤ दिखाया जाता है।
कà¥à¤¯à¤¾-कà¥à¤¯à¤¾ होना बाकी?
-छह-सात सितंबर की दरमà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥€ रात à¤à¤• से दो बजे के बीच लैंडर को चांद पर उतारने की पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ शà¥à¤°à¥‚की जाà¤à¤—ी।
-लैंडर पर लगे कैमरे की मदद से उसका कंपà¥à¤¯à¥‚टर-सॉफà¥à¤Ÿà¤µà¥‡à¤¯à¤° खà¥à¤¦ यह तय करेगा कि ठीक किस जगह पर उतरना है।
-लैंडर के उतरने के चार घंटे बाद रोवर "पà¥à¤°à¤œà¥à¤žà¤¾à¤¨" à¤à¥€ उससे बाहर निकल जाà¤à¤—ा।
हर मन में बस चंदà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¨,वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ की नींद उड़ी
इसरो के वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ की आंखों से मानों नींद कहीं गायब हो गई है। कोई कà¥à¤› बोल नहीं रहा है, लेकिन हर मन में बस चंदà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¨-2 से जà¥à¥œà¥€ बातें ही हैं। अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ से जà¥à¥œà¥‡ इसरो के à¤à¤• वरिषà¥à¤ अधिकारी ने कहा, "हर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के दिमाग में यही है कि चंदà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¨-2 और उसके लैंडर पर कà¥à¤¯à¤¾ चल रहा है। आइठइसकी सफल लैंडिंग की पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ करते हैं।" वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ ने 100 फीसदी सफल लैंडिंग का à¤à¤°à¥‹à¤¸à¤¾ à¤à¥€ जताया है।
छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ संग लैंडिंग देखेंगे पीà¤à¤® मोदी
इस à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• उपलबà¥à¤§à¤¿ का गवाह बनने के लिठपà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ नरेंदà¥à¤° मोदी à¤à¥€ बेंगलà¥à¤°à¥ में इसरो के मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ रहेंगे। इस दौरान देशà¤à¤° से करीब 60 से 70 छातà¥à¤° à¤à¥€ उनके साथ इस पल का गवाह बनेंगे। अलग-अलग राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ इन छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िता के माधà¥à¤¯à¤® से चà¥à¤¨à¤¾ गया है।
22 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ को हà¥à¤† था रवाना
22 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ को आंधà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के शà¥à¤°à¥€à¤¹à¤°à¤¿à¤•à¥‹à¤Ÿà¤¾ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ सतीश धवन अंतरिकà¥à¤· केंदà¥à¤° से चंदà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¨-2 को रवाना किया गया था। इसका पà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¥‡à¤ªà¤£ इसरो के सबसे à¤à¤¾à¤°à¥€ रॉकेट जीà¤à¤¸à¤à¤²à¤µà¥€-मारà¥à¤•3 की मदद से हà¥à¤† था। फिलहाल लैंडिंग से पहले के सà¤à¥€ अहम पड़ाव पार हो चà¥à¤•à¥‡ हैं। दो सितंबर को विकà¥à¤°à¤® अलग दो सितंबर को चंदà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¨ के ऑरà¥à¤¬à¤¿à¤Ÿà¤° से लैंडर को अलग किया गया था। इसके बाद तीन और चार सितंबर को इसकी ककà¥à¤·à¤¾ को कम (डी-ऑरà¥à¤¬à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤‚ग) करते हà¥à¤ इसे चांद के नजदीक पहà¥à¤‚चाया गया। अब इस पूरे अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ का सबसे मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² पल आने वाला है। यह पल इसलिठà¤à¥€ जटिल है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इसरो ने अब तक अंतरिकà¥à¤· में सॉफà¥à¤Ÿ लैंडिंग नहीं कराई है।