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कमलनाथ सरकार के खिलाफ भाजपा का 'घंटानाद' आंदोलन, जवाब में कांग्रेस बजा रही ढोल

 à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤¨à¤¸à¤­à¤¾ चुनाव के 10 महीने बाद बतौर विपक्ष भारतीय जनता पार्टी पहली बार 'घंटानाद" आंदोलन के जरिए कमलनाथ सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर रही है। पार्टी का दावा है कि पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ने से अराजकता की स्थिति है। किसान परेशान है, कर्जमाफी के नाम पर किसानों से छलावा किया गया। अब उन पर 14 फीसदी जुर्माने के साथ कर्ज के भुगतान का दबाव बनाया जा रहा है। तबादलों ने गवर्नेंस को चौपट कर दिया है। जन समस्याओं के निपटारे पर किसी का ध्यान नहीं है। इन सारे मुद्दों को लेकर भाजपा बुधवार को सड़कों पर उतरी। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में भाजपा का घंटानाद आंदोलन हुआ।ग्वालियर में आंदोलन का नेतृत्त पूर्व मंत्री और बिधायक भूपेंद्र सिंह ने किया .मिडिया को श्री सिंह ने मेमोरेंडम दिया .अपर कलेक्टर पंकज पांडे ने मोके पर मौजूद बीजेपी कार्यकर्ताओं के गिरफ्तार और रिहा करने की घोसना की .यह जानकारी मिडिया प्रभारी पबन सेन ने दी .

भोपाल में महापौर आलोक शर्मा के साथ भाजपा कार्यकर्ता हाथों में शंख, घंटे और मंजीरे लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और प्रदेश की कमलनाथ सरकार की नीतियों को लेकर अपना विरोध जताया। तो वहीं कांग्रेस ने इसके जवाब में ढोल बजाया। इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता शोभा ओझा ने भाजपा से 15 साल का हिसाब मांगा। उन्होंने कहा कि, "प्रदेश की कमलनाथ सरकार आज हर वर्ग के लिए काम कर रही है। पिछड़े वर्ग को प्रदेश सरकार ने आरक्षण दिया। आज प्रदेश में किसानों का कर्ज माफ हुआ है। वहीं निवेश की स्थिति भी बेहतर हो रही है।"

 à¤­à¥‹à¤ªà¤¾à¤² में प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह ने इस आंदोलन की अगुवाई की। उन्होंने कहा कि, मध्य प्रदेश की जनता के सारे हित सूली पर चढ़ा दिए हैं। कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों के हित सबसे ऊपर हैं। युवाओं का अपमान हो रहा है, कानून व्यवस्था ठप्प पड़ी है। सोयाबीन में अफलन है। इनका कोई मंत्री भी किसानों की सुध नहीं ले रहा है। कुंभकर्णी सरकार को नींद से जगाएंगे। इसलिए पूरे प्रदेश में घंटानाद आंदोलन छेड़ा है। आज हम ज्ञापन नहीं देंगे। हमने जनता के नाम खुला खत लिखा है जो आज सौंपेंगे।प्रदेश की कमलनाथ सरकार के खिलाफ इंदौर में भी भाजपा ने घंटानाद आंदोलन किया। सुबह से ही कलेक्ट्रेट में भाजपा नेता और कार्यकर्ताओं की फौज हाथ में घंटा और मंझीरे लेकर पहुंच गए थे। आंदोलन को देखते ही पहले से ही सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। कार्यकर्ताओं ने किसान कर्जमाफी, लचर कानून-व्यवस्था के अलावा अन्य मुद्दों पर प्रदेश की कमलनाथ सरकार को जमकर कोसा। इस दौरान कार्यकर्ता कलेक्टर कार्यालय के बाहर लगाई गई बेरिकेटिंग तोड़कर अंदर घुस गए।

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