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विक्रम की लैंडिंग साइट के पास पहुंचेगा नासा का ऑर्बिटर, पहली बार सामने आएगी उसकी तस्वीर

7 सितंबर के शुरुआती घंटों में चंद्रमा से महज 2.1 किमी की दूरी पर विक्रम लैंडर  का इसरो  के कंट्रोल रूम से संपर्क टूट गया था. इसके बाद चंद्रयान 2  के ऑर्बिटर की मदद से चांद पर मौजूद विक्रम की लोकेशन का पता लगा था. अब सबसे बड़ी चुनौती है,  विक्रम लैंडर से वापस संपर्क स्थापित करना. लैंडिंग के समय विक्रम के साथ क्या हुआ था और विक्रम के हार्ड लैंडिंग के बाद चांद पर उसके लैंडिंग साइट पर क्या बदलाव आए, इन तमाम सवालों के जवाब मिलने जा रहे हैं. कल यानी 17 सितंबर को नासा  का 'लूनर रिकॉनिस्सेंस ऑर्बिटर' चांद की उस जगह का चक्कर लगाएगा, जहां विक्रम की लैंडिंग हुई थी.

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