नवरातà¥à¤° के नौ दिनों का à¤à¤¸à¤¾ है महतà¥à¤µ, इस तरह करें देवी की आराधना
शकà¥à¤¤à¤¿ का आराधना के परà¥à¤µ को शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में नवरातà¥à¤° कहा जाता है। नवरातà¥à¤° के नौ दिनों में देवी की उपासना की जाती है। नवरातà¥à¤° के नौ दिन मां à¤à¤µà¤¾à¤¨à¥€ को पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ करने के दिन हैं। इन दिनों मां आदि शकà¥à¤¤à¤¿ के नौ सà¥à¤µà¤°à¥‚पों की पूजा की जाती है। नवरातà¥à¤° का यह परà¥à¤µ नौ तिथि, नौ नकà¥à¤·à¤¤à¥à¤°, नौ शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की नवधा à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ के साथ पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤¨ काल से मनाया जाता है।
शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤•à¥à¤¤ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है कि सबसे पहले शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤® ने शारदीय नवरातà¥à¤° में माता की आराधना की थी और इस तरह से नवरातà¥à¤° परà¥à¤µ का पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठहà¥à¤† था। नवरातà¥à¤° के दसवे दिन पà¥à¤°à¤à¥‚ शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤® ने लंका पर विजय पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ की थी इसलिठअधरà¥à¤® पर धरà¥à¤® की जीत के उपलकà¥à¤·à¥à¤¯ में विजयादशमी का परà¥à¤µ मनाया जाता है। इसलिठमानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है कि नवरातà¥à¤° के नौ दिनों में देवी के नौ रà¥à¤ªà¥‹à¤‚ की आराधना की जाती है। नवरातà¥à¤° के नौ दिनों का अलग-अलग महतà¥à¤µ है।
नवरातà¥à¤° के पहले तीन दिनों की आराधना
नवरातà¥à¤° के पहले तीन दिन देवी के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ सà¥à¤µà¤°à¥‚पों को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ हैं। नवरातà¥à¤° के पहले से लेकर तीसरे दिन तक की पूजा देवी à¤à¤µà¤¾à¤¨à¥€ की शकà¥à¤¤à¤¿, उनकी ऊरà¥à¤œà¤¾ और उनके तेज की की जाती है। इन तीन दिनों में माता के तीन सà¥à¤µà¤°à¥‚पों की आराधना की जाती है।
नवरातà¥à¤° के चौथे से छठे दिन की आराधना
नवरातà¥à¤° के पहले दिन à¤à¤•à¥à¤¤ माता को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ करते हà¥à¤ उपवास का संकलà¥à¤ª लेते हैं और घर पर घटसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ के साथ मंदिर में दरà¥à¤¶à¤¨-पूजन किया जाता है। वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ मां की आराधना à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• और आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• शकà¥à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने के लिठकरता है इसलिठचौथे से छठे दिन तक लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ और समृदà¥à¤§à¤¿ की देवी की आराधना की जाती है और मां से घर में सà¥à¤–-समृदà¥à¤§à¤¿ के वास की कामना की जाती है। नवरातà¥à¤° के पांचवे दिन विशेष रूप से जà¥à¤žà¤¾à¤¨ की देवी सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ की पूजा की जाती है।
नवरातà¥à¤° के सातवें और आठवें दिन की आराधना
नवरातà¥à¤° का सातवां दिन à¤à¥€ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ और विदà¥à¤¯à¤¾ की देवी सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ है। इस दिन जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने के लिठमाता सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ की पूजा की जाती है। साथ ही माता कालरातà¥à¤°à¤¿ की पूजा à¤à¥€ इस दिन विशेष रूप से की जाती है। आठवे दिन महाषà¥à¤Ÿà¤®à¥€ की आराधना कर à¤à¤•à¥à¤¤ सरà¥à¤µà¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§à¤¿ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर सकता है।
नवरातà¥à¤°à¤¿ के नौवें दिन की आराधना
नवरातà¥à¤°à¤¿ के नौवे दिन नवरातà¥à¤°à¤¿ का समापन होता है। इस दिन नवरातà¥à¤° की पूजा, आराधना का à¤à¥€ समापन किया जाता है। इसलिठमाता की विदाई के लिठहवन किया जाता है। इस दिन कनà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥‚जन का à¤à¥€ विधान है। नौ कनà¥à¤¯à¤¾à¤“ं का पूजन कर उनके पैरों का पूजन किया जाता है और उनको पहार के साथ दकà¥à¤·à¤¿à¤£à¤¾ दी जाती है