कलेकà¥à¤Ÿà¤° ने लगाया माता को मदिरा का à¤à¥‹à¤—
उजà¥à¤œà¥ˆà¤¨à¥¤ शारदीय नवरातà¥à¤° की महाअषà¥à¤Ÿà¤®à¥€ पर रविवार को नगर की सà¥à¤– समृदà¥à¤§à¤¿ व पà¥à¤°à¤—ति के लिठमदिरा की धार से नगर पूजा हà¥à¤ˆà¥¤ कलेकà¥à¤Ÿà¤° शशांक मिशà¥à¤° ने गà¥à¤¦à¤°à¥€ चौराह सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ चौबीसखंबा माता मंदिर में मां महामाया और महालय को मदिर का à¤à¥‹à¤— लगाया। इसके बाद ढोल-ढमाकों के साथ नगर में मदिरा की धार शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤ˆà¥¤ धरà¥à¤®à¤¨à¤—री में नगर पूजा की परंपरा अनादिकाल से चली आ रही है। अब शासन दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ यह पूजा कराई जाती है। नगर पूजा में 10 हजार रà¥à¤ªà¤ से अधिक राशि खरà¥à¤š होती है। हालांकि शासन की ओर से इसके लिठ299 रà¥à¤ªà¤ ही दिठजाते हैं। शेष राशि पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨à¤¿à¤• अधिकारी व करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ मिलकर खरà¥à¤š करते हैं। पूजन के बाद मदिरा को पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ रूप में वितरित किया गया। इसके बाद शासकीय अधिकारी व कोटवारों का दल अनà¥à¤¯ देवी व à¤à¥ˆà¤°à¤µ मंदिर में पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ के लिठरवाना हà¥à¤ˆà¥¤ इस दौरान उजà¥à¤œà¥ˆà¤¨ में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ करीब 40 देवी व à¤à¥ˆà¤°à¤µ मंदिर में पूजा की जाà¤à¤—ी।