जानें, कब है करवाचौथ, ये है मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ और पूजा की विधि
इस साल करवाचौथ 17 अकà¥à¤Ÿà¥‚बर (गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤°) को पड़ रहा है. इस दिन महिलाà¤à¤‚ निरà¥à¤œà¤²à¤¾ वà¥à¤°à¤¤ रखती हैं और रात में चांद देखने के बाद अपना वà¥à¤°à¤¤ तोड़ती हैं. माना जाता है कि इस दिन अगर सà¥à¤¹à¤¾à¤—िन सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ उपवास रखें तो उनके पति की उमà¥à¤° लंबी होती है और उनका गृहसà¥à¤¥ जीवन सà¥à¤–ी रहता है.
ये वà¥à¤°à¤¤ सूरà¥à¤¯à¥‹à¤¦à¤¯ से पहले शà¥à¤°à¥‚ होता है जिसे चांद निकलने तक रखा जाता है. इस वà¥à¤°à¤¤ में सांस अपनी बहू को सरगी देती है. इस सरगी को लेकर बहà¥à¤à¤‚ अपने वà¥à¤°à¤¤ की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ करती हैं.
इस वà¥à¤°à¤¤ में शाम के समय शà¥à¤ मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ में चांद निकलने से पहले पूरे शिव परिवार की पूजा की जाती है. चांद निकलने के बाद महिलाà¤à¤‚ चंदà¥à¤°à¤®à¤¾ को अरà¥à¤˜à¥à¤¯ देती हैं और अपने पति के हाथ से पानी पीकर वà¥à¤°à¤¤ खोलती हैं.
करवाचौथ वà¥à¤°à¤¤ की पूजा विधि
-सà¥à¤¬à¤¹ सूरà¥à¤¯à¥‹à¤¦à¤¯ से पहले उठजाà¤à¤‚. सरगी के रूप में मिला हà¥à¤† à¤à¥‹à¤œà¤¨ करें पानी पीà¤à¤‚ और à¤à¤—वान की पूजा करके निरà¥à¤œà¤²à¤¾ वà¥à¤°à¤¤ का संकलà¥à¤ª लें.
-करवाचौथ में महिलाà¤à¤‚ पूरे दिन जल-अनà¥à¤¨ कà¥à¤› गà¥à¤°à¤¹à¤£ नहीं करतीं फिर शाम के समय चांद को देखने के बाद दरà¥à¤¶à¤¨ कर वà¥à¤°à¤¤ खोलती हैं.
-पूजा के लिठशाम के समय à¤à¤• मिटà¥à¤Ÿà¥€ की वेदी पर सà¤à¥€ देवताओं की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ कर इसमें करवे रखें.
-à¤à¤• थाली में धूप, दीप, चनà¥à¤¦à¤¨, रोली, सिनà¥à¤¦à¥‚र रखें और घी का दीपक जलाà¤à¤‚.
-पूजा चांद निकलने के à¤à¤• घंटे पहले शà¥à¤°à¥ कर देनी चाहिà¤. इस दिन महिलाà¤à¤‚ à¤à¤• साथ मिलकर पूजा करती हैं.
-पूजन के समय करवा चौथ कथा जरूर सà¥à¤¨à¥‡à¤‚ या सà¥à¤¨à¤¾à¤à¤‚.
-चांद को छलनी से देखने के बाद अरà¥à¤˜à¥à¤¯ देकर चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤®à¤¾ की पूजा करनी चाहिà¤.
-चांद को देखने के बाद पति के हाथ से जल पीकर वà¥à¤°à¤¤ खोलना चाहिà¤.
-इस दिन बहà¥à¤à¤‚ अपनी सास को थाली में मिठाई, फल, मेवे, रूपये आदि देकर उनसे सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤µà¤¤à¥€ होने का आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ लेती हैं.
करवा चौथ पूजा मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤
17:50:03 से 18:58:47 तक
अवधि: 1 घंटे 8 मिनट
करवा चौथ चंदà¥à¤°à¥‹à¤¦à¤¯ समय 20:15:59