इस बार का करवाचौथ बेहद खास, 70 साल बाद बन रहा ये संयोग
करवा चौथ का तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤° 17 अकà¥à¤Ÿà¥‚बर (गà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤°) को पड़ रहा है. इस दिन महिलाà¤à¤‚ निरà¥à¤œà¤²à¤¾ वà¥à¤°à¤¤ रखती हैं और रात में चांद देखने के बाद अपना वà¥à¤°à¤¤ तोड़ती हैं. माना जाता है कि इस दिन अगर सà¥à¤¹à¤¾à¤—िन सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ उपवास रखें तो उनके पति की उमà¥à¤° लंबी होती है और उनका गृहसà¥à¤¥ जीवन सà¥à¤–ी रहता है. ये वà¥à¤°à¤¤ सूरà¥à¤¯à¥‹à¤¦à¤¯ से पहले शà¥à¤°à¥‚ होता है जिसे चांद निकलने तक रखा जाता है.
करवा चौथ पर शà¥à¤ संयोग
इस बार का करवा चौथ का वà¥à¤°à¤¤ बेहद खास है. 70 साल बाद करवा चौथ पर इस बार शà¥à¤ संयोग बन रहा है. इस बार रोहिणी नकà¥à¤·à¤¤à¥à¤° के साथ मंगल का योग होना करवा चौथ को अधिक मंगलकारी बना रहा है.
जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° रोहिणी नकà¥à¤·à¤¤à¥à¤° और चंदà¥à¤°à¤®à¤¾ में रोहिणी का योग होने से मारà¥à¤•à¤£à¥à¤¡à¥‡à¤¯ और सतà¥à¤¯à¤¾à¤à¤¾à¤®à¤¾ योग इस करवा चौथ पर बन रहा है. पहली बार करवा चौथ का वà¥à¤°à¤¤ रखने वाली महिलाओं के लिठये वà¥à¤°à¤¤ बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¤¾ है.
करवाचौथ वà¥à¤°à¤¤ की पूजा विधि
-सà¥à¤¬à¤¹ सूरà¥à¤¯à¥‹à¤¦à¤¯ से पहले उठजाà¤à¤‚. सरगी के रूप में मिला हà¥à¤† à¤à¥‹à¤œà¤¨ करें पानी पीà¤à¤‚ और à¤à¤—वान की पूजा करके निरà¥à¤œà¤²à¤¾ वà¥à¤°à¤¤ का संकलà¥à¤ª लें.
-करवाचौथ में महिलाà¤à¤‚ पूरे दिन जल-अनà¥à¤¨ कà¥à¤› गà¥à¤°à¤¹à¤£ नहीं करतीं फिर शाम के समय चांद को देखने के बाद दरà¥à¤¶à¤¨ कर वà¥à¤°à¤¤ खोलती हैं.
-पूजा के लिठशाम के समय à¤à¤• मिटà¥à¤Ÿà¥€ की वेदी पर सà¤à¥€ देवताओं की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ कर इसमें करवे रखें.
-à¤à¤• थाली में धूप, दीप, चनà¥à¤¦à¤¨, रोली, सिनà¥à¤¦à¥‚र रखें और घी का दीपक जलाà¤à¤‚.
-पूजा चांद निकलने के à¤à¤• घंटे पहले शà¥à¤°à¥ कर देनी चाहिà¤. इस दिन महिलाà¤à¤‚ à¤à¤• साथ मिलकर पूजा करती हैं.
-पूजन के समय करवा चौथ कथा जरूर सà¥à¤¨à¥‡à¤‚ या सà¥à¤¨à¤¾à¤à¤‚.
-चांद को छलनी से देखने के बाद अरà¥à¤˜à¥à¤¯ देकर चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤®à¤¾ की पूजा करनी चाहिà¤.
-चांद को देखने के बाद पति के हाथ से जल पीकर वà¥à¤°à¤¤ खोलना चाहिà¤.
-इस दिन बहà¥à¤à¤‚ अपनी सास को थाली में मिठाई, फल, मेवे, रूपये आदि देकर उनसे सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤µà¤¤à¥€ होने का आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ लेती हैं.