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54 कर्मचारियों को बांट दिया 19 माह का वेतन, बाबू निलंबित

भिंड। जिला शिक्षा केंद्र में संविदा अवधि बढ़ाए बिना 19 माह से 54 अधिकारियों-कर्मचारियों को वेतन के रूप में करीब 1.71 करोड़ भुगतान कर दिया गया। शनिवार को समीक्षा बैठक के दौरान गड़बड़ी सामने आने पर कलेक्टर छोटे सिंह ने बाबू (एपीसी ईएंडएम) पवन गुप्ता को निलंबित कर दिया। अकाउंटेंट (एपीसी फाइनेंस) सुरेंद्र जैन के विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।

कलेक्टर छोटे सिंह ने बताया कि जिला शिक्षा केंद्र में संविदा पर कार्यरत अधिकारियों-कर्मचारियों को बिना संविदा अवधि बढ़ाए हुए हर माह वेतन का भुगतान किया जा रहा था। इनकी अवधि अप्रैल 2018 से बढ़ाई जानी थी, लेकिन इस पर किसी अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया। नए डीपीसी यूके करैया ने जुलाई माह में ज्वाइन किया है। ऐसे में उन्हें भी यह जानकारी नहीं दी गई कि बिना सांविदा अवधि बढ़ाए अधिकारियों-कर्मचारियों को हर माह करीब 9 लाख रुपए वेतन का भुगतान किया जा रहा था।

जिला शिक्षा केंद्र में ऐसे पकड़ में आई गड़बड़ी

कलेक्टर ने बताया कि 2 माह पहले जिला शिक्षा केंद्र के अधिकारियों के साथ बैठक कर काम के टारगेट दिए थे, शनिवार को दिए गए टारगेट पर कितना काम हुआ, यह जानने के लिए समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया था। समीक्षा में जिला शिक्षा केंद्र की प्रोग्रेस रिपोर्ट में 2 माह में कोई अंतर नहीं आया। कलेक्टर ने संविदा अधिकारियों-कर्मचारियों की जानकारी मांगी। यह भी पूछा कि इनकी संविदा अवधि कब बढ़ाई गई है। इसी दौरान मामला पकड़ में आ गया। कलेक्टर ने बैठक में ही बाबू (एपीसी ईएंडएम) पवन गुप्ता को निलंबित करने और अकाउंटेंट (एपीसी फाइनेंस) सुरेंद्र जैन के विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।

कलेक्टर की अध्यक्षता वाली कमेटी बढ़ाती है संविदा अवधि

डीपीसी यूके करैया ने बताया कि जिला शिक्षा केंद्र में संविदा पर काम करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों की हर साल समीक्षा होती है। समीक्षा के दौरान उनका काम का परफार्मेंस देखा जाता है। काम संतोषजनक नहीं पाए जाने पर संविदा अवधि नहीं बढ़ाई जाती है। अवधि बढ़ाने के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित कमेटी में डीपीसी, जिला शिक्षा अधिकारी सहित अन्य अधिकारी और अशासकीय सदस्य भी रहते हैं।

13 सब इंजीनियर, डाटा एंट्री ऑपरेटर

जिला शिक्षा केंद्र से संविदा अवधि बढ़ाए बिना वेतन का भुगतान पाने वालों में 25 अधिकारी-कर्मचारी जिला शिक्षा केंद्र मुख्यालय में पदस्थ हैं। बाकी अधिकारी कर्मचारी बीआरसी और अन्य कार्यालयों में पदस्थ हैं। इनमें 13 सब इंजीनियर, 6 एमआईएस कॉर्डिनेटर, 14 लेखापाल, 12 मोबाइल स्रोत सलाहकार, 4 लिपिक, 8 डाटा एंट्री ऑपरेटर, 9 भृत्य, 7 चौकीदार, 1 ड्राइवर, 1 प्रोग्रामर आदि अधिकारी कर्मचारी तो जिला शिक्षा केंद्र मुख्यालय पर ही पदस्थ हैं, लेकिन इसके बावजूद डीपीसी या दूसरे जिम्मेदारों को इस कारनामे की भनक नहीं लगी। इनसे वसूली होगी या नहीं या फिर क्या कार्रवाई होगी, इस पर कोई फैसला अभी नहीं हुआ है।

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