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सर्वदलीय बैठक में बोले PM मोदी- संसद में बेरोजगारी पर भी होनी चाहिए चर्चा

संसद के शीतकालीन सत्र से पहले रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आश्वासन दिया कि उनकी सरकार संसद में सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है. इस दौरान पीएम मोदी ने सभी राजनीतिक पार्टियों से यह भी कहा कि संसद में बेरोजगारी पर भी चर्चा होनी चाहिए.

वहीं, सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और श्रीनगर से सांसद फारूक अब्दुल्ला की हिरासत के मसले को पुरजोर तरीके से उठाया और उन्हें संसद सत्र में हिस्सा लेने की अनुमति देने की मांग की. इस बैठक में 27 राजनीतिक दलों के नेताओं ने भाग लिया.

वहीं, लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने बताया कि सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने मांग की कि सत्र के दौरान आर्थिक मंदी, बेरोजगारी और कृषि संकट के मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि संसद का सबसे महत्वपूर्ण काम चर्चा और बहस करना है.

फारूक अब्दुल्ला के लिए उठी आवाज

राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘किसी सांसद को अवैध रूप से हिरासत में कैसे लिया जा सकता है? उन्हें संसद सत्र में भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए.’

ये दिग्गज नेता भी रहे मौजूद

इस सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कई वरिष्ठ विपक्षी नेताओं ने भाग लिया. बैठक में केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और राज्यसभा में विपक्ष के उप नेता आनंद शर्मा भी मौजूद थे.

बैठक में तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन, लोजपा नेता चिराग पासवान और समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव, तेलुगु देशम पार्टी के जयदेव गल्ला और वी विजयसाई रेड्डी भी शामिल रहे.

शीतकालीन सत्र पर हुई चर्चा

केंद्र सरकार की ओर से बुलाई गई इस बैठक का संचालन संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी और संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल ने किया. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को सभी राजनीतिक दलों से सदन के ठीक ढंग से चलने के लिए सहयोग की अपील की थी.

बैठक के बाद बिरला ने कहा कि सदन में विभिन्न दलों के नेताओं ने अलग अलग मुद्दों का उल्लेख किया, जिनपर वे 18 नवंबर से 13 दिसंबर तक चलने वाले शीतकालीन सत्र के दौरान सार्थक चर्चा करना चाहते हैं.

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