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नियम नहीं बदले तो ठिठुरते हुए देना होगी पीएससी परीक्षा

इंदौर।  राज्यसेवा प्रारंभिक (State Civil Service Exam 2020) परीक्षा उम्मीदवारों के लिए कंपकंपाने वाली ठंड के कारण और कठिन साबित हो सकती है। पीएससी (MPPSC) ने नियम लागू कर रखा है कि परीक्षा देने वाले छात्र न तो फुल बांह के कपड़े पहन सकते हैं, न ही मफलर, स्वेटर। परीक्षार्थियों को बिना जूते-मोजे पहने बैठना पड़ता है। ये सख्त कायदे उम्मीदवारों को डरा रहे हैं। 12 जनवरी को सुबह 10 बजे से परीक्षा का पहला चरण होगा। मालवा-निमाड़ में ही कड़कड़ाती सर्दी पड़ रही है। चंबल-ग्वालियर में तो परीक्षा देना आम छात्र के लिए बहुत मुश्किल लग रहा है। हालांकि उम्मीदवारों की कठिनाई देखकर पीएससी नर्म पड़ा है, लेकिन स्पष्ट घोषणा न करते हुए जिला प्रशासन को परीक्षा के दिन के मौसम की स्थिति देखकर निर्णय लेने की बात कही है।

राज्यसेवा परीक्षा अब तक गर्मी में होती रही है। इस बार परीक्षा घोषित होने में देरी हुई है, लिहाजा प्रारंभिक परीक्षा सर्दी के बीच आ रही है। मध्य प्रदेश में इस बार सर्दी ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है। पीएससी ने चार वर्ष पहले एम्स की परीक्षा की तर्ज पर परीक्षा हॉल में प्रवेश के लिए कड़े नियम-कायदे लागू किए थे। अब पहली बार परीक्षा ठंड के मौसम में हो रही है तो इन नियमों को लेकर दोबारा सोचना पड़ रहा है। उम्मीदवारों ने मांग उठाई है कि परीक्षा हॉल में स्वेटर, जूते-मोजे पहनने की छूट दी जाए। पीएससी ने अब तक नियमों में ढील को लेकर कोई नोटिफिकेशन या सूचना पत्र जारी नहीं किया है, जबकि परीक्षा में एक सप्ताह ही शेष है। परीक्षा में 3.60 लाख से ज्यादा उम्मीदवार हिस्सेदारी करेंगे। प्रारंभिक परीक्षा के आयोजन के लिए राज्य के हर जिला मुख्यालय पर परीक्षा केंद्र बनाए जा रहे हैं। आयोजन की व्यवस्था का जिम्मा जिला प्रशासन का होगा।

जिला प्रशासन निर्णय ले

आयोग ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया है कि परीक्षा के दिन के मौसम की स्थिति को देखकर प्रशासन अपने स्तर पर निर्णय ले। लगता है कि मौसम ऐसा है कि उम्मीदवारों को गर्म कपड़े पहनकर प्रवेश देने की अनुमति देना चाहिए तो प्रशासन उसे लागू कर सकता है। नियमावली में इसका उल्लेख कर दिया गया है। रेणु पंत, सचिव, मप्र लोकसेवा आयोग

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