जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¤¾à¤¦à¤¿à¤¤à¥à¤¯ सिंधिया कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ हैं खफा..
आखिर पूरà¥à¤µ केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ मंतà¥à¤°à¥€ जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¤¾à¤¦à¤¿à¤¤à¥à¤¯ सिंधिया नाराज कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ हैं? मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ कमलनाथ से उनकी दूरी की वजह कà¥à¤¯à¤¾ है? à¤à¤¸à¥€ कà¥à¤¯à¤¾ मजबूरी आ गई जो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने का à¤à¤²à¤¾à¤¨ करना पड़ा? इस नाराजगी की वजह यह तो नहीं कि सूबे की सियासत में वे कà¥à¤¯à¤¾ अलग थलग पड़ते जा रहे हैं? इन सारे सवालों का à¤à¤• ही जवाब है कि कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ में सबकà¥à¤› ठीक नहीं चल रहा है। यह पहला मौका नहीं है, जब जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¤¾à¤¦à¤¿à¤¤à¥à¤¯ सिंधिया ने सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• तौर पर नाराजगी का इजहार किया हो। पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ सरकार के सवा साल के कारà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤² में वे कई बार सवाल उठा चà¥à¤•à¥‡ हैं। जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¤¾à¤¦à¤¿à¤¤à¥à¤¯ सिंधिया की नाराजगी की वजह लोकसà¤à¤¾ चà¥à¤¨à¤¾à¤µ में मिली हार को तो माना ही जा रहा है, साथ-साथ 15 साल बाद सतà¥à¤¤à¤¾ में आई पारà¥à¤Ÿà¥€ की सरकार में सीमित दखलंदाजी à¤à¥€ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤µà¤œà¤¹ मानी जा रही है।
सरकार में जितनी तवजà¥à¤œà¥‹ पूरà¥à¤µ सीà¤à¤® दिगà¥à¤µà¤¿à¤œà¤¯ सिंह को मिलती है जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¤¾à¤¦à¤¿à¤¤à¥à¤¯ सिंधिया को उस मà¥à¤•à¤¾à¤¬à¤²à¥‡ कम ही तवजà¥à¤œà¥‹ मिल पाती है। विधानसà¤à¤¾ चà¥à¤¨à¤¾à¤µ 2018 और उसके पहले शिवराज सरकार को गिराने के लिठजà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¤¾à¤¦à¤¿à¤¤à¥à¤¯ सिंधिया ने à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤² में सतà¥à¤¯à¤¾à¤—à¥à¤°à¤¹ किया और चà¥à¤¨à¤¾à¤µ अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ समिति की जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ संà¤à¤¾à¤²à¥€ थी। लोकसà¤à¤¾ चà¥à¤¨à¤¾à¤µ में हार मिलने के बाद अपवादों को छोड़ दें तो उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने आपको संसदीय कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° तक सिमटा लिया। मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ सरकार बनने की सवा साल की अवधि में उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने वचन पतà¥à¤° को लेकर दूसरी बार सरकार को घेरा है। पहले पूरी तरह से किसान करà¥à¤œ माफी नहीं हो पाने पर घेराबंदी की थी।