सà¥à¤¹à¤¾à¤— के बाद विपिन रावत होंगे नठसेनाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·, वायà¥à¤¸à¥‡à¤¨à¤¾à¤§à¥à¤¯à¤•à¥à¤· के लिठबीà¤à¤¸ धनोवा के नाम पर मà¥à¤¹à¤°
लेफà¥à¤Ÿà¤¿à¤¨à¥‡à¤‚ट जनरल विपिन रावत अगले सेना अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· होंगे. वह इस समय थलसेना के सहसेनाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· हैं. रावत जनरल दलबीर सà¥à¤¹à¤¾à¤— की जगह सेना पà¥à¤°à¤®à¥à¤– बने हैं और 23 दिन बाद कमान संà¤à¤¾à¤²à¥‡à¤‚गे. वहीं बीà¤à¤¸ धनोवा अरà¥à¤ª राहा की जगह लेते हà¥à¤ अगले वायà¥à¤¸à¥‡à¤¨à¤¾ पà¥à¤°à¤®à¥à¤– होंगे.
अपनी पारिवारिक विरासत को आगे बढ़ाते हà¥à¤ लेफà¥à¤Ÿà¤¿à¤¨à¥‡à¤‚ट जनरल विपिन रावत इस पद पर पहà¥à¤‚चे हैं. इससे पहले उनके पिता लेफà¥à¤Ÿà¤¿à¤¨à¥‡à¤‚ट जनरल à¤à¤²à¤à¤¸ रावत सेना में डिपà¥à¤Ÿà¥€ चीफ के पद से रिटायरà¥à¤¡ हà¥à¤ थे. उनके पिता à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सैनà¥à¤¯ अकादमी देहरादून के कमांडेंट à¤à¥€ रहे. वहीं जनरल रावत ने सहसेनाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· का पद संà¤à¤¾à¤²à¤¨à¥‡ से पहले सेना की दकà¥à¤·à¤¿à¤£à¥€ कमान के कमांडर का पद à¤à¥€ संà¤à¤¾à¤²à¤¾.
11वीं गोरखा राइफलà¥à¤¸ की पांचवीं बटालियन में जनवरी 1979 में कमीशन लेने वाले ले. जनरल रावत का करियर उपलबà¥à¤§à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ à¤à¤°à¤¾ रहा है. वह दिसंबर 1978 में à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सैनà¥à¤¯ अकादमी से पासआउट होने वाले बैच के शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ तम कैडेट रहे और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¡ ऑफ ऑनर मिला. लेफà¥à¤Ÿà¤¿à¤¨à¥‡à¤‚ट जनरल विपिन रावत अति विशिषà¥à¤Ÿ सेवा मेडल, यà¥à¤¦à¥à¤§ सेवा मेडल, सेना मेडल व विशिषà¥à¤Ÿ सेवा मेडल जैसे कई समà¥à¤®à¤¾à¤¨ से अलंकृत किठगठहैं.
कांगो में मलà¥à¤Ÿà¥€à¤¨à¥‡à¤¶à¤¨ बà¥à¤°à¤¿à¤—ेड की कमान संà¤à¤¾à¤²à¤¨à¥‡ के साथ ही वह यूà¤à¤¨ मिशन में सेकà¥à¤°à¥‡à¤Ÿà¤°à¥€ जनरल व फोरà¥à¤¸ कमांडर à¤à¥€ रह चà¥à¤•à¥‡ हैं. सेना में कई अहम पद संà¤à¤¾à¤²à¤¨à¥‡ के साथ-साथ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ पर उनके लेख विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ जरà¥à¤¨à¤²à¥à¤¸ में पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ हो चà¥à¤•à¥‡ हैं. मिलिटà¥à¤°à¥€ मीडिया सà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥ˆà¤Ÿà¤¿à¤œà¤¿à¤• सà¥à¤Ÿà¤¡à¥€à¤œ पर शोध के लिठउनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ डॉकà¥à¤Ÿà¤°à¥‡à¤Ÿ की उपाधि à¤à¥€ मिल चà¥à¤•à¥€ है.
इंदौर के अहिलà¥à¤¯à¤¾ बाई होलà¥à¤•à¤° विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ से à¤à¤®à¤«à¤¿à¤² करने वाले जनरल रावत ने मिलिटà¥à¤°à¥€ मीडिया सà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥ˆà¤Ÿà¤¿à¤œà¤¿à¤• सà¥à¤Ÿà¤¡à¥€à¤œ में पीà¤à¤šà¤¡à¥€ कर चà¥à¤•à¥‡ हैं. पौड़ी गढ़वाल के मूल निवासी जनरल रावत का परिवार पहले रà¥à¤¡à¤¼à¤•à¥€ में रहता था, लेकिन अब वह नोà¤à¤¡à¤¾ शिफà¥à¤Ÿ हो गठहैं.