à¤à¤• हतà¥à¤¯à¤¾ का बदला लेने के लिठकर दीं तीन हतà¥à¤¯à¤¾à¤à¤‚ और कà¥à¤› न कर पाई पà¥à¤²à¤¿à¤¸!
जूनागढ़ (गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤)। गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ में विकास के किसà¥à¤¸à¥‡ तो आम थे, लेकिन अब खà¥à¤²à¥‡à¤†à¤® वारदातों के किसà¥à¤¸à¥‡ à¤à¥€ आम होते जा रहे हैं। राजà¥à¤¯ में à¤à¤• हतà¥à¤¯à¤¾ का बदला लेने के लिठतीन हतà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को अंजाम दिया गया। लेकिन पà¥à¤²à¤¿à¤¸ और पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ कà¥à¤› à¤à¥€ करने में नाकाम दिखा।
गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ के जूनागॠमें शनिवार की रात आपसी रंजिश के कारण ऑटो डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¤° किशन मोरी की हतà¥à¤¯à¤¾ कर दी गई थी। लेकिन, इस हतà¥à¤¯à¤¾ के आरोपियों को पà¥à¤²à¤¿à¤¸ पकड़े, उससे पहले ही हतà¥à¤¯à¤¾ का बदला à¤à¥€ ले लिया गया। ऑटो डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¤° के मरà¥à¤¡à¤° के बाद ही तीन अनà¥à¤¯ लोगों का मरà¥à¤¡à¤° हो गया। हैरानी की बात ये है कि ये तीन मारे गठलोग डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¤° की हतà¥à¤¯à¤¾ के आरोपी थे।
दरअसल मारे गठतीन लोगों, ऑटो चालक मà¥à¤•à¥‡à¤¶ बावजी, अजय बावजी और अमित खवास, ने पहले किशन मोरी की हतà¥à¤¯à¤¾ करी थी। फिर किशन के लोगों ने हतà¥à¤¯à¤¾ करने वाले तीनों लोगों को ढूंढ निलाका और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ मार दिया।
पà¥à¤²à¤¿à¤¸ के हिसाब से ये हतà¥à¤¯à¤¾ के बदले का मामला हो सकता है। बहरहाल, पà¥à¤²à¤¿à¤¸ ने मामला दरà¥à¤œ कर हतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‡ को पकड़ने की करवाई शà¥à¤°à¥‚ कर दी है। लेकिन खà¥à¤²à¥‡à¤†à¤® हो रहीं इन हतà¥à¤¯à¤¾à¤“ं ने राजà¥à¤¯ की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ पर सवाल खड़े कर दिठहैं।