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इस्तांबुल में हुए हमले की आईएस ने ली जिम्मेदारी, हमलावर की तलाश जारी

आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने तुर्की के इस्तांबुल शहर में नववर्ष के मौके पर एक नाइट क्लब में हुए हमले की जिम्मेदारी ली है। हमलावर अब तक फरार है और पुलिस उसकी तलाश में जुटी है। हमले में 39 लोग मारे गए थे। आतंकवाद रोधी पुलिस ने इस हमले के मामले में पहली बार गिरफ्तारियां की हैं। कल हुए इस हमले में मारे गए विदेशी नागरिकों के अधिकतर परिजन शवों की पहचान कर रहे हैं। मरने वालों में अधिकतर गैर तुर्क और मुख्यत: अरब से हैं। समाचार एजेंसी दोगान ने खबर दी है कि गोलीबारी के मामले में आठ संदिग्ध लोगों को आज हिरासत में लिया, लेकिन हमलावर से इनके संबंध होने का कोई संकेत नहीं मिला है।

नया साल शुरू हुए सिर्फ 75 मिनट ही हुए थे कि इस्तांबुल के इस चमक दमक वाले आयोजन स्थल पर बंदूकधारी ने गोलियां बरसाकर कत्लेआम मचा दिया। तुर्की में बीते साल हुए एक और हमले में सैकड़ों लोग मारे गए थे और इसके लिए आईएस तथा कुर्द हमलावरों को जिम्मेदार ठहराया गया था। सोशल मीडिया पर जिहादी समूह की ओर से जारी बयान में कहा गया कि खिलाफत के लड़ाकों में से एक ने रेइना नाइट क्लब पर हमला किया था।

इसमें मुस्लिम बहुल तुर्की पर ईसाइयों का नौकर होने का आरोप लगाया गया। संभवत: ऐसा पड़ोसी देश सीरिया एवं इराक में आईएस के खिलाफ लड़ाई में अंतरराष्ट्रीय संगठन के साथ तुर्की के गठबंधन के संदर्भ में किया गया। बयान में कहा गया कि युद्धग्रस्त सीरिया में आईएस के खिलाफ तुर्की के सैन्य दखल के जवाब में यह हमला था। ‘हुर्रियत’ दैनिक के अनुसार बंदूकधारी ने क्लब के आस पास गोलीबारी शुरू कर दी और घबराए लोग दहशत में जलडमरू मध्य बोसफोरस के ठंडे पानी में छलांग लगाने लगे।

घटना के बाद कपड़े बदलकर बंदूकधारी शोर शराबे का फायदा उठाकर वहां से फरार हो गया। तुर्की के गृहमंत्री सुलेमान सोयलू ने कल बताया था कि बंदूकधारी की तलाश के लिए गंभीर प्रयास जारी हैं और उन्होंने उम्मीद जताई थी कि हमलावर को जल्द पकड़ लिया जाएगा। स्तंभकार अब्दुल कादिर सेल्वी ने हुर्रियत में लिखा कि खतरा अब भी बना हुआ है। हुर्रियत के अनुसार जांचकर्ताओं को आशंका है कि हमलावर मध्य एशिया के किर्गिस्तान या उज्बेकिस्तान से है। अखबार ने बताया कि जांचकर्ताओं को यह भी आशंका है कि हमलावर उसी संगठन से जुड़ा है जिसने जून में इस्तांबुल के अतातुर्क हवाईअड्डे पर तिहरा फिदायीन बम हमला किया था। हमले में 47 लोग मारे गए थे और इसके लिए आईएस को जिम्मेदार ठहराया गया था।

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