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महाआर्यमन बोले- पीएम मोदी द्रोणाचार्य तो मेरे पिता अर्जुन

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमान सिंधिया भले ही राजनीति में सक्रिय नहीं हैं, लेकिन जितनी बारीकी से वे गुना-अशोकनगर-शिवपुरी और पूरे ग्वालियर अंचल को समझते हैं, वह काबिल-ए-तारीफ है। इस युवा तुर्क से एक न्यूज़ एजेंसी  ने राजनीति, विकास, समसायिक, खेल और पारिवारिक ताने-बाने जैसे संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा की। 

ज्योतिरादित्य सिंधियाजी और पीएम मोदी के रिश्ते को आप क्या कहेंगे?
महाआर्यमन- प्रधानमंत्रीजी को आप द्रोणाचार्य और महाराज सिंधिया को अर्जुन कह सकते हैं। दोनों का निशाना प्रगति पर है। दोनों का एक ही ध्येय है बात कम और काम ज्यादा है। दोनों देश को प्रगति के पथ पर आगे ले जाना चाहते हैं, दोनों के बीच यही रिश्ता है।

-सिंधिया परिवार और गुना-शिवपुरी-अशोकनगर की जनता की केमिस्ट्री को कैसे देखते हैं?
महाआर्यमन- हमारा ऐतिहासिक संबंध है। कई सैकड़ा वर्ष से सिंधिया परिवार क्षेत्र से जुड़ा है और विकास की इबारत लिखता आया है। हमारा संबंध राजनीतिक नहीं है, बल्कि पारिवारिक संबंध है। मैं जब लोगों से मिलता हूं तो शुरुआत में ही कह देता हूं कि मैं भाषण देने नहीं आया हूं। मैं आपको समझने, आपके दर्द को समझने और आपकी राय जानने के लिए आया हूं।

आपने राजनीति को करीब से देखा है। पारिवारिक सदस्यों से आपने अब तक क्या सीखा?
महाआर्यमन- मैं अभी राजनीति नहीं कर रहा हूं। मेरे दादा लोगों के साथ समय बिताते थे, मिलते थे, वह गुण में अपने भीतर लाना चाहता हूं। जिस तरह से मेरे पिता तीव्र गति से प्रगति लाते हैं उनकी सोच विराट है। हमेशा अपना मोबाइल जनता के लिए ऑन रखते हैं, हमेशा उनसे सम्पर्क रखते हैं। उन्होंने अपना स्वार्थ छोड़ दिया है। उनके लिए जनसेवा ही सबकुछ है। यह सभी गुण अपने जीवन में लाना चाहता हूं, वह आसान नहीं है। मैं लोगों से पारिवारिक संबंधित स्थापित करने के लिए अपने आपको समय देना चाहूंगा।

 -इस बात की कितनी संभावना है कि आईपीएल जैसी लीग में मध्यप्रदेश की टीम कभी नजर आएगी?
महाआर्यमन- अगले दो-तीन महीनों में हम मध्यप्रदेश प्रीमियर लीग बनाने जा रहे हैं। इसमें मध्यप्रदेश से पांच टीमें शामिल होंगी। इसमें व्यापार, खेल और नागरिकों को जोड़ने की परियोजना है। यह तीनों जुड़ेंगे, तो क्रिकेट का जलबा निखरेगा। ग्रामीण से शहर, शहर से प्रदेश और प्रदेश से राष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ियों को जोड़ने की योजना भी इसमें शामिल है। ताकि खिलाड़ी निखरेंगे और देश के लिए खेलने का सपना देखेंगे। टीम के मालिक व्यापारिक क्षेत्रों से होंगे, इसलिए अपने खिलाड़ियों को रोजगार उपलब्ध कराएंगे। क्रिकेट खेलने वालों को पैसे लाजिमी मिलेंगे। राष्ट्रीय टीवी पर इसका प्रसारण होगा।

गुना-शिवपुरी-अशोकनगर लोकसभा क्षेत्र के भविष्य को आप कहां देखते हैं?
महाआर्यमन- पूरा क्षेत्र ही नहीं मध्यप्रदेश में आईटी सेक्टर की संभावनाएं हैं। ऑटो मोबाइल सेक्टर विस्तार की संभावनाएं हैं, औद्योगिक प्रगति की संभावना है, ऊर्जा के क्षेत्र में संभावनाए हैं। मैं चाहता हूं कि मध्यप्रदेश औद्योगिक और पर्यटन क्षेत्र में तरक्की करे। हम पर्यावरण की दृष्टि से भी सम्पन्न हैं, सबसे ज्यादा जंगल हमारे पास हैं। उद्योग और पर्यावरण से रोजगार मिलेगा। मेरी आशा है हमारी प्राचीन परम्पराएं, कला का सही सृजन होगा, इससे क्षेत्र की प्रगति होगी। अद्योसंरचनाएं उसी तरह मजबूत हों, जैसे शरीर में हड्डियों की मजबूती आवश्यक है। युवाओं के दृष्टिकोण से शिक्षा भी महत्वपूर्ण है। पीएम और सीएम भी शिक्षा को खासी तवज्जो दे रहे हैं। हमारा विजन भी वही है। 

-राजमाता (ज्योतिरादित्य की मां) का स्वास्थ्य ठीक नहीं है, आपको हॉस्पिटल में होना चाहिए?
महाआर्यमन- मुझे पता है, अगर उनका स्वास्थ्य ठीक भी होता तो वे कहतीं कि आप यहां मत रहो, लोगों के बीच रहो। यह शब्द मेरे दिमाग में गूंजते रहते हैं, यह शब्द मेरे पिता के दिमाग में भी गूंजते रहते हैं। वे चाहती हैं कि आप लोगों के चेहरों पर मुस्कुराहट लेकर आईए। हम जानते हैं कि ऐसा करेंगे तो वह खुश रहेंगी।

-राज परिवार के बारे में लोग जानना चाहते हैं?
महाआर्यमन- जैसे हर परिवार में होता है। बहन-भाई नटखट होते हैं तो डांट पड़ती है। हम भी माता-पिता से संवाद करते हैं। उन्होंने हमें सिखाया है कि हर उस व्यक्ति का सम्मान करना चाहिए, चाहे वह बड़े हों या छोटे हों। 

-युवाओं के लिए कोई संदेश?
महाआर्यमन- युवा सबसे पहले स्वच्छ भारत मिशन पर ध्यान दें। जब स्वच्छता होती है तो स्वास्थ्य ठीक होता है। जब लोग आपका क्षेत्र घूमेंगे तब वह कहेंगे कि हमें यहां आना है। क्योंकि हम लोग अपने क्षेत्र और पर्यावरण का सम्मान करते हैं। प्रधानमंत्री ने भी इसे महत्वपूर्ण माना है। दूसरी बात मतदान करना हमारी बड़ी जिम्मेदारी है, इसमें हम अपने नेता को चुनते हैं। इस मौके को छोडि़ए मत। कभी-कभी कठिन होता है, लाइन लगती है, धूप होती है। लेकिन मेरा संदेश है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में युवा आगे आएं। 
 

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