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सीएम की सुरक्षा में सेंध, पुलिस की मौजूदगी में नो एंट्री में घुसी बरातियों की बस

मध्य प्रदेश के खंडवा जिले से गुजर रही एक बरात के साथ कुछ ऐसी घटना हो गई, जो शायद दूल्हा-दुल्हन सहित बस में सवार सभी बरातियों को जीवन भर याद रहेगी। दुल्हन लेकर लौट रही बरात की एक बस अनजाने में शहर के नो एंट्री क्षेत्र में जा घुसी। मुसीबत यह कि उस क्षेत्र में ठीक उसी समय सीएम के ट्रांजिट विजिट के चलते पुलिस बल की ड्यूटी भी लगी हुई थी। इस दौरान ट्रैफिक थाना प्रभारी की नजर बस पर पड़ गई, जिसे तुरंत थाने भिजवाया गया। बड़ी देर तक चालान कटवाने की राशि को लेकर बराती और ट्रैफिक पुलिस के बीच कहा-सुनी चलती रही। हालांकि, आखिर में चालान कटवाकर बस को जाने दिया गया। इतनी देर दूल्हा-दुल्हन सहित बराती भरी दुपहरी में थाने में परेशान होते दिखे।खंडवा के बॉम्बे बाजार मुख्य मार्ग से बरातियों की बस को निकलना भारी पड़ गया। नो एंट्री वाले इस क्षेत्र से निकल रही छिंदवाड़ा की नीलकमल कंपनी की बरातियों से भरी इस बस को ट्रैफिक पुलिस के थाना प्रभारी ने पकड़कर थाने में खड़े करवा दिया। पुलिस बस का 5000 रुपये का चालान काटने पर तुले थे। वहीं ड्राइवर पैसे न होने का बहाना बनाते हुए टालमटोल कर रहा था। इस सबके बीच दूल्हे योगेश और दुल्हन शिवानी सहित बस में बैठे पूरे बरातियों की जान हलक में आ रुकी थी। वे भरी दुपहरी में थाने में पुलिसकर्मियों को किसी तरह मनाकर अपनी जान छुड़ाने में लगे थे। छिंदवाड़ा जा रहे बरातियों का कहना था कि दुल्हन लेकर जाते समय उनकी बस पहले खराब हो गई। इसके बाद गलती से ड्राइवर ने गाड़ी नो एंट्री मार्ग पर डाल दी थी। इस कारण उन्हें चार घंटे तक परेशान होना पड़ा।कुछ घंटे चले इस नाटकीय घटनाक्रम के बाद पुलिस ने ड्राइवर का 1000 रुपये का चालान काटकर बस को छोड़ दिया। बड़ा सवाल यह है कि गलती से एक अनजान बस इस तरह से सीएम की सुरक्षा के चलते लगाए गए पुलिस बल की मौजूदगी के बावजूद नो एंट्री वाले क्षेत्र में बेरोकटोक घुसी कैसे? इसे सीएम की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ माना जा रहा है। रातभर से थककर सफर कर रहे बरातियों जिनमें महिला और बच्चे भी शामिल थे, उनमें से किसी को करीब 42 डिग्री के इतने तापमान के चलते थाने में कुछ हो जाता तो इसका जवाबदार कौन होता? 

इस मामले में यातायात थाना प्रभारी सौरभ सिंह कुशवाह ने बताया कि आज मुख्यमंत्री जी की ट्रांजिट विजिट थी खंडवा में। उस रूट पर हमारा बल लगा था। हमारी व्यवस्था थी कि उस रूट पर कोई भी वाहन नहीं रहे। इस टाइम में एक बड़ी बस 24 घंटे नो एंट्री जोन वाले बॉम्बे बाजार में घुस गई। उसे मैंने ही रुकवाया और थाने भिजवाया। उनका परमिट वगैरह चेक कर, नो एंट्री के चालान का ड्राइवर को बताया गया। ड्राइवर चालान नहीं कटवा रहा था। इस वजह से देर हुई।  
 
 
 
 
 
 

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