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ड्रेनेज घोटाले में ठेकेदारों के घर पुलिस ने मारे छापे, दो ठेकेदार गिरफ्तार

नगर निगम के 28 करोड़ रुपये के घोटाले में रविवार को ठेकेदारों के घर पुलिस ने छापे मारे और निगम से जुड़े दस्तावेज जब्त किए। पुलिस लसुड़िया क्षेत्र की अपटाउन टाउनशिप पहुंची और ठेकेदार राहुल वड़ेरा के कमरों की तलाशी ली। इसके बाद शाम को पुलिस ने आईटी पार्क चौराहे से दो ठेकेदारों को गिरफ्तार कर लिया। मामले में पांच फर्मों व उनके मालिकों को आरोपी बनाया गया है। गिरफ्तार दोनों ठेकेदारों मोहम्मद साजिद और मोहम्मद जाकिर ने अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट में आवेदन दिया था, लेकिन कोर्ट ने आवेदन नामंजूर कर दिया। इसके बाद दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। अब पुलिस दोनों से घोटाले के मास्टर माइंड के बारे में पूछताछ करेगी। घोटाले के तीन आरोपी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं।

 
 चार करोड़ का एक और घोटाला सामने आया
जिन फर्मों के खिलाफ केस दर्ज किया है, उनका एक और घोटाला सामने आया है। ट्रेंचिंग ग्रााउंड में लैंडफील साइट का ठेका इन फर्मों को मिला था, लेकिन काम पूरा नहीं हुआ।
रविवार को ठेकेदारों के घर पुलिस ने छापे मारे और निगम से जुड़े दस्तावेज जब्त किए। पुलिस लसुड़िया क्षेत्र की अपटाउन टाउनशिप पहुंची और ठेकेदार राहुल वड़ेरा के कमरों की तलाशी ली। पुलिस के साथ नगर निगम के अफसर भी पहुंचे थे। वढेरा के ठिकाने पर जाने के बाद पुलिस ने हर कमरे की तलाशी ली। पुलिस को नगर निगम से जुड़े दस्तावेज भी मिले हैं। ठेकेदारों के विदेश भागने की आशंका के चलते पुलिस रेड कार्नर नोटिस भी जारी कराएगी। निगमायुक्त शिवम वर्मा ने ठेकेदार फर्मों को ब्लैक लिस्टेड कर खातों से लेन देन पर रोक लगा दी है।
 
बता दें, एमजी रोड थाना पुलिस ने 28 करोड़ के ड्रेनेज घोटाले में नींव कंस्ट्रक्शन के मोहम्मद साजिद, ग्रीन कंस्ट्रक्शन के मोहम्मद सिद्दीकी, किंग कंस्ट्रक्शन के मोहम्मद जाकिर, क्षितिज इंटरप्राइजेस की रेणु वडेरा और जान्हवी इंटरप्राइजेस के राहुल वडेरा के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। रविवार सुबह मारे गए छापे में अपटाउन टाउनशिप में राहुल के घर पुलिस को वाहन और दस्तावेज मिले। पुलिस का एक दल खजराना क्षेत्र के मदीना नगर भी पहुंचा। यहां मोहम्मद साजिद और मोहम्मद जाकिर के घर के ठिकानों की तलाशी ली गई।
आरंभिक रूप से 28 करोड़ का ड्रेनेज घोटाला 100 करोड़ रुपये के आसपास पहुंच चुका है। नगर निगम ने विभागीय जांच शुरू कर दी है। फिलहाल इस मामले में बड़े अफसरों पर कोई गाज नहीं गिरी है। अकाउंट सेक्शन के दो कर्मचारियों को हटाकर ट्रेंचिंग ग्राउंड भेज दिया है। दोनों कर्मचारी सांठ-गांठ से बिल शाखा तक पहुंचे थे। घोटाले की फाइलें भी चोरी हो चुकी है और अफसर सफाई दे रहे हैं कि फाइलों पर उनके हस्ताक्षर फर्जी हैं।

 

 
 
 
 

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