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इसलिए हटाया मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को

बहुजन समाज पार्टी की नई पीढ़ी के तौर पर पार्टी में अहम पदों पर काबिज किए गए आकाश आनंद महज पांच महीने ही नेशनल कोआर्डिटनेटर रह पाए। आकाश को बीते वर्ष दिसंबर में लखनऊ में हुए पदाधिकारियों के सम्मेलन में मायावती ने अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। बहुजन समाज पार्टी की नई पीढ़ी के तौर पर पार्टी में अहम पदों पर काबिज किए गए आकाश आनंद महज पांच महीने ही नेशनल कोआर्डिटनेटर रह पाए। आकाश को बीते वर्ष दिसंबर में लखनऊ में हुए पदाधिकारियों के सम्मेलन में मायावती ने अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। आकाश के इस रुख का सियासी फायदा चंद्रशेखर को मिलने की संभावना जताई जाने लगी। इसके बाद उन्होंने सीतापुर में दिए अपने भड़काऊ भाषण से पार्टी नेतृत्व को नाराज करने मे कोई कसर बाकी नहीं रखी। दरअसल, उनके भाषण की वजह से बसपा के जिलाध्यक्ष विकास राजवंशी, लखीमपुर के प्रत्याशी अंशय कालरा, धौरहरा के प्रत्याशी श्याम किशोर अवस्थी, सीतापुर के प्रत्याशी महेंद्र सिंह यादव पर भी मुकदमा हो गया।

सूत्रों की मानें तो बसपा सुप्रीमो ने सीतापुर के प्रकरण के बाद आकाश आनंद के प्रचार पर रोक लगा दी थी। इसके बावजूद वह लगातार दिल्ली में रहकर प्रचार-प्रसार कर रहे थे। उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों, दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों, विदेश में बसे बहुजन समाज के लोगों के साथ संपर्क करते हुए बसपा का प्रचार करते रहे।
उन्होंने ऐसे मुद्दों को भी हवा दी, जिससे बसपा नेतृत्व किनारा करता रहा है। वहीं बसपा सुप्रीमो खुद भी लगातार चुनाव की आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने पर चुनाव आयोग से सख्त कार्रवाई करने की मांग लगातार कर रही थीं, ऐसे हालात में उन्होंने सबसे पहले अपने उत्तराधिकारी पर ही गाज गिराकर बड़ा संदेश देने की कोशिश की है।




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