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नीतीश ने खारिज किए कॉमन सिविल कोड पर विधि आयोग के 16 सूत्री सवाल

समान नागरिक संहिता लागू करने पर विधि आयोग द्वारा राज्यों से पूछे गए 16 सूत्री सवालों को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खारिज कर दिया है. इस मुद्दे को लेकर नीतीश ने विधि आयोग को एक पत्र लिखा है और मांग की है कि समान नागरिक संहिता लागू करने जैसे संवेदनशील मुद्दे पर पहले सड़क से लेकर संसद सत्र चर्चा हो.

नीतीश कुमार के लिखे पत्र की 13 मुख्य बातें:

1. 16 सूत्री सवालों को इस तरीके से तैयार किया गया है मानों जवाब देने वाले व्यक्ति को किसी एक पक्ष में जवाब देने का दबाव है.

 

2. इन 16 सूत्री सवालों में जवाब देने वाले व्यक्ति को अपने स्वतंत्र जवाब देने की कोई आजादी नहीं है.

3. बिहार राज्य के लिए यह संभव नहीं है कि इन सवालों का जवाब दे पाए.

4. संविधान के निर्माताओं ने भी समान नागरिक संहिता की बात की थी मगर रजामंदी के जरिए खासकर अन्य धर्मों की रजामंदी से.

5. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार मुस्लिम समुदाय ने समान नागरिक संहिता को पूरी तरीके से नकार दिया है.

6. कोई और धर्म भी समान नागरिक संहिता को लेकर अपनी आवाज नहीं उठा रहा है.

7. समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए अन्य धर्मों के तमाम कानूनों को खारिज करना पड़ेगा.

8. देश के हालात अभी ऐसा नहीं है कि समान नागरिक संहिता को लागू किया जाए.

9. प्रस्तावित समान नागरिक संहिता की जानकारियां अब तक सभी पक्षों के साथ साझा भी नहीं की गई है.

10. समान नागरिक संहिता लागू करने से पहले उस पर संसद में, राज्य की विधान सभाओं में और सिविल सोसाइटी के लोगों के साथ चर्चा होनी चाहिए.

11. समान नागरिक संहिता को लागू करने में सरकार को जल्दबाजी नहीं दिखानी चाहिए.

12. समझदारी इसी में है कि सभी धर्मों के लोगों को इस मुद्दे पर चर्चा करने दिया जाए ताकि उसके बाद वह अपना पक्ष रख सकें.

13. सभी धर्मों के लोगों के साथ लोगों की रजामंदी से अगर समान नागरिक संहिता को लागू नहीं किया गया तो आगे चलकर समाज में सांप्रदायिक कलह देखने को मिल सकता है.

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