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जल्लीकट्टू बैलों को कष्ट देने के लिए नहीं है: पेटा

पोंगल के दौरान इस साल जल्लीकट्टू के आयोजन को लेकर बढ़ रही बहस के बीच पशु कल्याण की पैरोकार संस्था पेटा ने गुरुवार को कहा कि इस उत्सव का मकसद प्रकृति का धन्यवाद करना है और इसे बैलों को कष्ट देकर हासिल नहीं किया जा सकता।

पेटा की यह टिप्पणी उस वक्त आई है जब गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा पोंगल से पहले जल्लीकट्टू पर फैसला सुनाने की मांग ठुकरा दी गई। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायूमर्ति आर भानुमति की पीठ ने फैसले का अनुरोध करने वाले वकीलों के एक समूह से कहा कि पीठ से आदेश पारित करने का अनुरोध करना अनुचित है।

हालांकि शीर्ष अदालत ने कहा कि फैसले का मसौदा तैयार हो चुका है लेकिन शनिवार से पहले इसे सुनाना संभव नहीं है। शनिवार को जल्लीकट्टू कार्यक्रम का आयोजन होना है। शीर्ष अदालत ने 2014 में जल्लीकट्टू के अवसर पर पशुओं के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया था। इसके बाद न्यायालय ने इस फैसले पर पुनर्विचार की याचिका भी खारिज कर दी थी।

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