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मेला प्राधिकरण का गठन अब क्यों अटका

ग्वालियर। ग्वालियर का ऐतिहासिक व्यापार मेला पिछले तीन साल अफसर चला रहे हैें। मेला प्राधिकरण में नियुक्तियां न होने को लेकर सवाल उठ रहे हैं। अब तक यह कहा जाता रहा कि उद्योग मंत्री रहते यषोधरा राजे सिंधिया बाधा बन रहीं है, वे अपने चहेते अनुराग बंसल को एक बार फिर कमान सौंपना चाहतीं थीं, मगर अब वे उद्योग मंत्री भी नहीं है, फिर मेला प्राधिकरण के गठन में विलंब क्यों हों रहा है। भाजपा हल्कों से खबर आ रहीं है, वो यह है कि मेला प्राधिकरण के अध्यक्ष पद के लिए केन्द्र्र्रीय मंत्री नरेन्द्र्र्र्र सिंह तोमर के पास कोई विष्वसनींय नाम नहीं है। उनके सहयोगी अभय चैधरी जी.डी.ए. ओैर राकेष जादौन साडा अध्यक्ष बन चुके है। श्री तोमर के पास एक विष्वसनीय नाम वेदप्रकाष षिवहरे था, मगर श्री षिवहरे सांसद अनूप मिश्रा की गोद में बैठ गए हैं। अब जो नाम श्री तोमर के पास है, वे या तो व्यापारी है या संघ से जुड़े भू-माफिया का काम करते हैं। ऐसे में श्री तोमर भी नहीं चाहते कि दूसरे गुट का कोई व्यक्ति अध्यक्ष बनें, इसलिए अफसरों के हाथों में संचालन बेहतर मान रहें हैं। लेकिन अब चूंकि भाजपा के कद्धावर नेता जयभान सिंह पवैया केबिनेट मंत्री बने हैं तो वे चाहतें हैं कि कुषवाह समाज की नाराजगीं दूर करने के लिए विधायक व पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुषवाह को मेला प्राधिकरण की कमान सौंपी जाए। मगर श्री पवैया की चलेगी, कम उम्मीद है।

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