Homeधर्म कर्म ,वायरल न्यूज़,
मंत्र जाप के अंत में तीन बार क्यों बोलते हैं ऊं शांति...शांति

हिन्दु धर्म में जो भी मान्यताएं या परंपराएं हैं उनके पीछे कोई न कोई कारण होता है। इन कारणों को लेकर धर्मग्रंथों और पुराणों में कथाएं भी मिलती हैं।

इसका एक उदाहरण है कि जब भी मंत्र जाप या मंत्रोच्चारण का आयोजन होता है तो पंडित या पूजा करने वाले लोग मंत्रोच्चारण के अंत में तीन बार ऊं शांति कहने की परंपरा है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि ऐसा क्यों होता है?

इसके बारे में कहा जा रहा है प्राचीन काल में लोग मानते थे कि जिस बात को तीन बार कहा जाए तो वह सच हो जाती है। यानी 'त्रिवरम् सत्यमं'।

ऊं शांति...ऊं शांति..ऊ शांति बोलने के पीछे दूसरा कारण को लेकर कहा गया है कि ऐसा करने से तीन प्रकार से उत्पन्न बाधाओं में शांति मिलती है।

दैविक- दैवीय आपदा जैसे बाढ़, भूकंप, तूफान आदि की शांति के लिए ऊं शांति बोलते हैं जिससे माना जाता है कि शांति मिलती है।

भौतिक- भौतिक समस्याओं जैसे दुर्घटना, अपराध, मानवीय संपर्क आदि बाधाओं के लिए ऊं शांति बोलते हैं जिससे माना जाता है कि शांति मिलती है।

आध्यात्मिक बाधाएं- ऐसी बाधाओं में क्रोध, निराशा, भय आदि के लिए ऊं शांति बोलते हैं जिससे शांति मिलती है।

यही कारण है कि पुरोहित मंत्रोच्चारण के अंत में तीन बार ऊं शांति का उच्चारण करते हैं।

ध्यान दें- आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।

Share This News :