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रेलवे के कायाकल्प के लिए सुरेश प्रभु ने बनाया नया सेल, नई तकनीक और आमदनी बढ़ाने के सुझावों पर देगा

रेलवे के कायाकल्प के लिए रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने रेलवे बोर्ड में ट्रांसफॉर्मेशन सेल बनाया है. सेल में रेलवे के सात आला अफसर शामिल होंगे. इस बारे में आदेश जारी कर दिया गया है.

 

मोदी के सपने को हकीकत बनाएगा सेल
इस सेल का काम रेलवे को लेकर पीएम मोदी के सपने को जमीनी हकीकत में तब्दील करना होगा. सेल रेलवे की रफ्तार को बढ़ाने के लिए नई तकनीकों के इस्तेमाल पर गौर करेगा. इसे रेलवे की आमदनी बढ़ाने के उपाय सुझाने को भी कहा गया है. साथ ही रेलवे के लिए ज़रुरी ढांचागत बदलावों को अमली जामा पहनाना भी सेल के जिम्मे होगा.

ये अफसर होंगे सेल का हिस्सा
ट्रांसफॉर्मेशन सेल की अगुआई इंडियन रेलवे सर्विस ऑफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर्स के आला अफसर सुधीर कुमार करेंगे. सुधीर कुमार को इस सेल में बतौर एडवाइजर शामिल किया गया है। आईआरएसएमई के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (मैकेनिकल) ए के चंद्रा भी सेल का हिस्सा होंगे. इसके अलावा ट्रांसफॉर्मेशन सेल में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (इलेक्ट्रिकल) जीतेंद्र सिंह, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (ट्रैफिक) नीरज सहाय, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (अकाउंट) एस एन माथुर, डायरेक्टर (सिग्नलिंग एंड टेलीकॉम) राजेश गुप्ता और डायरेक्टर पर्सनल रविंद्र कुमार को भी सेल में शामिल किया गया है।

मूलभूत बदलावों पर जोर
पिछले साल दिसंबर में हुए रेल शिविर के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय रेलवे में बड़े बदलाव की जरूरत बताई थी. उन्होंने कहा था कि रेलवे को मौजूदा दौर में पूरे तरीके से बदलना होगा और नई तकनीकों को अपनाना होगा. प्रधानमंत्री का कहना था कि देश के सबसे बड़े ट्रांसपोर्टर के तौर पर रेलवे का कोई सानी नहीं है और रेलवे को कमाई का कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहिए. इसके लिए उन्होंने गैर किराया राजस्व पर ज्यादा फोकस करने की सलाह दी थी. ये ट्रांसफॉर्मेशन सेल की इसी सलाह का नतीजा है.

सेल की जिम्मेदारी
ट्रांसफॉर्मेशन सेल दुनिया भर में मिल रही तमाम नई-नई तकनीकों का मूल्यांकन करने के साथ रेलवे के लिए मुफीद टेक्नोलॉजी का चयन करेगा. रेल शिविर में मिले लाखों नए सुझावों के बारे में रेलवे को राय देने का काम भी ये सेल करेगा. मौजूदा समय में रेलवे के सामने सबसे बड़ा चैलेंज पुरानी तकनीक के डिब्बों और लाइनों को बदलना है. इन सबके बीच बार-बार हो रहे रेल हादसे कहीं ना कहीं इस बात की तरफ इशारा करते हैं की तकनीक के मामले में रेलवे काफी पीछे है. आने वाले समय में नई टेक्नोलॉजी और रेलवे की इनकम में सामंजस्य बिठाना भी ट्रांसफॉर्मेशन सेल के लिए चुनौती होगा.

 

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