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डेंगू, चिकुनगुनिया व मौसमी बीमारियों को लेकर पूरी तरह सतर्क रहें – कलेक्टर

मैदानी अमले को दिए निर्देश

डेंगू, चिकुनगुनिया, मलेरिया तथा अन्य मौसमी बीमारियों से निपटने के लिये जिले में पर्याप्त एहतियाती कदम उठाए गए हैं। कलेक्टर डॉ. संजय गोयल ने लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, नगरीय निकायों एवं पंचायतों के अमले को इन बीमारियों को लेकर पूरी सतर्कता बरतने की हिदायत दी है। साथ ही आम नागरिकों से मच्छरों व लार्वा विनिष्टीकरण में सहयोग करने और सावधानी बरतने की अपील भी कलेक्टर ने की है।

      मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से प्राप्त जानकारी के मुताबिक डेंगू एवं चिकुनगुनिया एक संक्रमित मच्छर एडीज प्रभावी मादा मच्छर के काटने से फैलने वाला रोग है। डेंगू का वायरस डेन वायरस कहलाता है और चिकुनगुनिया का वायरस चिक के नाम से जाना जाता है। डेंगू का मच्छर एक दिन में 50 से अधिक लोगों को संक्रमित कर सकता है। डेंगू सामान्यत: ज्वर के रूप में शुरू होता है, वहीं चिकुनगुनिया में ज्वर के साथ जोड़ों में दर्द भी होता है। डेंगू फैलाने वाला एडीज मच्छर साफ पानी में पैदा होता है और सामान्यत: यह दिन के समय काटता है। रोग ग्रस्त मरीज का अगर समय पर उचित इलाज न कराया जाए, तो डेंगू से जान भी जा सकती है।

रोग के लक्षण

      रोगी को अचानक तेज बुखार, कमर दर्द, जोड़ों में दर्द, सिर में असहनीय दर्द होता है। जी मचलाता है और उल्टी भी होती है, शरीर में छोटे-छोटे दाने निकल आते हैं। डेंगू जब घातक अवस्था में होता है तो शरीर पर लाल चकत्ते बन जाते हैं व नाक और दस्त में रक्त स्त्राव होने लगता है, ऐसी अवस्था में तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर चिकित्सक से सलाह लेवें तथा इस अवस्था में पीड़ित मरीज को एस्प्रीन व ब्रूफेन दवा बिल्कुल न देवें।

बचाव के उपाय

      छत एवं घर के आसपास अनुपयोगी सामग्री में पानी जमा न होने दें। सप्ताह में एक बार अपने कूलर्स, बाल्टी, टब आदि का पानी खाली कर, सुखाकर ही पानी भरें। पानी के बर्तन, टंकियों आदि को ढ़क कर रखें। घर के आस-पास के गड्ड़ों को मिट्टी से भर दें, पानी भरे रहने वाले स्थानों पर मिट्टी का तेल या जला हुआ इंजन का तेल डालें। सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। फुल आस्तीन के कपड़े पहनें व सामुदायिक स्थानों पर स्वच्छता का ध्यान रखें। डेंगू रोग जानलेवा हो सकता है, इसलिये उक्त लक्षण पाए जाने पर तुरंत सरकारी अस्पताल जाकर चिकित्सक से सलाह लें।

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