फिलà¥à¤® समीकà¥à¤·à¤¾: 'रईस' में शाहरà¥à¤– शानदार, तो नवाज हैं दमदार
रईस’ की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ में à¤à¤• सीन है, जिसमें 10-12 साल का रईस अपनी कमजोर आंखों के लिये गांधी जी के सà¥à¤Ÿà¥‡à¤šà¥à¤¯à¥‚ से चशà¥à¤®à¤¾ उतार लेता है. शराबबंदी के नाम पर गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ में आज तक जो कà¥à¤› हो रहा है, यह सीन उस पूरे तंतà¥à¤° पर à¤à¤• टिपà¥à¤ªà¤£à¥€ है. तो जी खैर, विवादित कहानी, पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ कलाकार, मनसे की धमकी, टà¥à¤°à¥‡à¤¨ में सफर, इतने सारे हो-हलà¥à¤²à¥‡ के बाद आखिरकार ‘रईस’ आ ही गया. लेकिन इस रईस को देखने के बाद मà¥à¤‚ह से निकला- 'मियांà¤à¤¾à¤ˆ, जितने रईस दिखते हो उतने हो नहीं!'
90 के दशक की कहानी
‘रईस’ कहानी है असà¥à¤¸à¥€ और नबà¥à¤¬à¥‡ के दशक की, जिसमें रईस आलम (बेशक शाहरà¥à¤–़! ये तो अब मंगल गà¥à¤°à¤¹ वाले à¤à¥€ जान गये होंगे), अपनी मां के साथ बदहाल जिंदगी गà¥à¤œà¤¾à¤° रहा है. वो बचपन से ही अवैध शराब के कारोबारी जयराज के लिठकाम करने लगता है. इस काम में उसका दोसà¥à¤¤ सादिक़ (मोहमà¥à¤®à¤¦ ज़ीशान अयà¥à¤¯à¥‚ब) हर कदम पर उसके साथ है. धीरे-धीरे वो अवैध शराब के धंधे का बड़ा खिलाड़ी बन जाता है. इतना बड़ा कि चीफ मिनिसà¥à¤Ÿà¤° के यहां à¤à¥€ उसकी सीधी पहà¥à¤‚च है.