बीजेपी के घोषणापतà¥à¤° से अटल गायब, मोदी-शाह को मिली जगह
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जनता पारà¥à¤Ÿà¥€ में अटल यà¥à¤— का समापन हो चà¥à¤•à¤¾ है. 2012 में बीजेपी के घोषणापतà¥à¤° पर जहां अटल बिहार वाजपेयी को ही जगह मिली थी, वहीं 2017 विधानसà¤à¤¾ चà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ के लिठशनिवार को जारी किठगठघोषणापतà¥à¤° के कवर पेज पर नरेंदà¥à¤° मोदी और अमित शाह को जगह मिली है.
लोक कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ संकलà¥à¤ª पतà¥à¤° 2017 के नाम से जारी बीजेपी के घोषणापतà¥à¤° में मोदी और शाह के अलावा राजनाथ सिंह, कलराज मिशà¥à¤°à¤¾, उमा à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€ और केशव पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ मौरà¥à¤¯ को à¤à¥€ जगह मिली है.
दरअसल मोदी और शाह के अलावा जिन नेताओं को जगह मिली है उसके पीछे बीजेपी की जातिगत समीकरणों को साधने की à¤à¥€ कोशिश है. इसमें राजनाथ सिंह ठाकà¥à¤° समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ का नेतृतà¥à¤µ कर रहे हैं वहीं कलराज मिशà¥à¤°à¤¾ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ चेहरा हैं. उमा à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€ लोध समाज से हैं लिहाजा उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¥€ जगह मिली है. केशव पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ मौरà¥à¤¯à¤¾ à¤à¥€ पिछड़े वरà¥à¤— का ही नेतृतà¥à¤µ करते हैं.
अगर 2012 के घोषणापतà¥à¤° को देखें तो उसमें सिरà¥à¤« अटल बिहारी वाजपेयी की ही तसà¥à¤µà¥€à¤° थी. लेकिन पांच साल बाद अब बीजेपी में सब कà¥à¤› बदल गया है. या ये कहा जाठकि अब अटल-अडवाणी यà¥à¤— का पूरी तरह समापन हो चà¥à¤•à¤¾ है.