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रिसर्च और इनोवेशन पर मोदी सरकार की पहल, काशी में बुलाई गई ये खास बैठक!

आईआईएम में सीटों की संख्या बढ़ाने और रिसर्च के लिए फैलोशिप की संख्या बढ़ाने का मानव संसाधन विकास मंत्रालय का फैसला सबको रास आया है। पर मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावडेकर यहीं नहीं थमने वाले। 6 अक्टूबर को जावडेकर ने वाराणसी में तमाम केंद्रीय विश्वविद्यालयों के उप कुलपतियों की बैठक बुलाई है। एजेंडा एक बार फिर वही है कि कैसे रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा दिया जाए। बैठक बीएचयू यानी बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में होगी।
वाराणसी में जावडेकर पूरे दिन मंथन करेंगे कि उच्च शिक्षा की क्वालिटी को कैसे सुधारा जाए। साथ ही इस पर भी चर्चा करेंगे कि छात्रों के लिए सपोर्ट बेस कैसे तैयार किया जाए। चिंता इस बात भी होगी कि उच्च शिक्षा के साथ-साथ स्कूली शिक्षा को भी कैसे बेहतर किया जाए। जावडेकर ने इसके लिए राज्य के शिक्षा मंत्रियों से भी समन्वय बिठाने की कोशिश की है ताकि तमाम राज्य केंद्र के साथ कंधे से कंघा मिलाकर इस दिशा में काम कर सकें।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नेशनल एकेडमिक डिपोसिटरी को भी मंजूरी दे दी है। 2017 से जो भी डिग्रियां होंगी, वो विश्वविद्यालय द्वारा डिजिटली अपलोड कर दी जाएंगी। यानि आने वाले दिनों में अब डिग्री और शिक्षा से संबंधित कागजों के लिए छात्रों को विश्वविद्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। साथ ही फर्जी डिग्रियों से छुटकारा भी मिल जाएगा।
अपने 90 दिनों के कार्यकाल में मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कई राज्यों के दौरे किए हैं, जिसमें कोशिश रही है कि रिसर्च बेस तैयार हो। जावड़ेकर जानते हैं कि यही पीएम मोदी का सपना है और इन कार्यक्रमों की सफलता ही उनकी राजनीति चमका सकती है।

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