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कर्नाटक ने तमिलनाडू को कावेरी का पानी देने का फैसला टाला

कर्नाटक सरकार ने फैसला किया है कि वो तमिलनाडु को 23 सितंबर तक कावेरी नदी का 6000 क्यूसेक पानी नहीं देगी। सरकार ने कहा है कि 23 सितंबर के दिन राज्य विधानमंडल के विशेष सत्र में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर फैसला किया जाएगा।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मंत्रिमंडल की आपात बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि मंत्रिमंडल ने पानी छोड़ने के अपने फैसले को टालने का निर्णय किया है। मंत्रिमंडल की आपात बैठक से पहले दिन में सर्वदलीय बैठक और मंत्रिपरिषद की बैठक हुई थी। सिद्धारमैया ने कहा कि मंत्रिमंडल ने उच्चतम न्यायालय के कल के आदेश के मद्देनजर राज्य विधानमंडल का विशेष सत्र 23 सितंबर को बुलाने का फैसला किया है। उसमें आज से 27 सितंबर तक कर्नाटक से 6000 क्यूसेक पानी छोड़ने का आदेश दिया गया था।
उन्होंने कहा कि सर्वदलीय बैठक में सरकार को शीर्ष अदालत के निर्देश पर चर्चा के लिए राज्य विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाने की सलाह दी गई थी और उसी अनुसार मंत्रिमंडल ने फैसला किया।
कावेरी निगरानी समिति ने 19 सितंबर को कर्नाटक से कहा था कि वो 21 सितंबर से 30 सितंबर तक प्रतिदिन 3000 क्यूसेक पानी छोड़े लेकिन शीर्ष अदालत ने 21 सितंबर से 27 सितंबर तक कर्नाटक को तमिलनाडु के लिए 6000 क्यूसेक पानी छोड़ने का आदेश दिया था। शीर्ष अदालत ने ये आदेश तब दिया था जब तमिलनाडु ने अपनी सांबा धान की फसल को बचाने के वास्ते पानी के लिए दबाव बनाया था।
पांच सितंबर को शीर्ष अदालत ने तमिलनाडु में किसानों की दुर्दशा का निराकरण करने के लिए अगले 10 दिनों के लिए 15000 क्यूसेक पानी छोड़ने का आदेश दिया था।

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