à¤à¤¾à¤°à¤¤ में गौतम बà¥à¤¦à¥à¤§ के समय, चीन में थे ये 2 महान संत
अधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤® का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°-पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ ही नहीं बलà¥à¤•à¤¿ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के अनà¥à¤¯ देशों में मौखिक तौर पर ही किया गया। गौतम बà¥à¤¦à¥à¤§ इसके अमिट उदाहरण हैं, जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बौदà¥à¤§ धरà¥à¤® का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°-पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ ही नहीं, बलà¥à¤•à¤¿ जापान, चीन और दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के अनà¥à¤¯ देशों में सतà¥à¤¸à¤‚ग के जरिठबांटा।
दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के हर देश में जà¥à¤žà¤¾à¤¨ का पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° सबसे पहले मौखिक रूप में ही हà¥à¤† था। जिस समय à¤à¤¾à¤°à¤¤ में महावीर सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ और गौतम बà¥à¤¦à¥à¤§ अपने-अपने मत से लोगों को अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥€ बना रहे थे।
ठीक उसी समय चीन में लाओतà¥à¤¸à¥‡ à¤à¤µà¤‚ कनफà¥à¤¯à¥‚नियस दो महान संत हà¥à¤à¥¤ पहले दोनों ही चीन की सरकार में पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨à¤¿à¤• अधिकारी थे, बाद में वह जà¥à¤žà¤¾à¤¨ के पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°-पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° में जà¥à¤Ÿ गà¤à¥¤
लाओतà¥à¤¸à¥‡, कनफà¥à¤¯à¥‚शियस से जà¥à¤¯à¥‡à¤·à¥à¤ थे, कितना जà¥à¤¯à¥‡à¤·à¥à¤ थे निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ तौर पर कहा नहीं जा सकता। लेकिन चीनी इतिहासकारों की मानें तो दोनों की आयॠमें काफी अंतर था। कनफà¥à¤¯à¥‚शियस ने सामाजिक सà¥à¤§à¤¾à¤° पर जोर दिया तो लाओतà¥à¤¸à¥‡ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ से उदास रहते थे। लेकिन दोनों ही सà¥à¤µà¤¯à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अरà¥à¤œà¤¿à¤¤ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ को लोगों में बांटते रहते थे।