शिव नगरी ओंकारेशà¥à¤µà¤° में मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ चौहान ने की नरà¥à¤®à¤¦à¤¾ कलश की अगवानी
अपार जन-समूह हà¥à¤† शामिल
'तà¥à¤µà¤¦à¥€à¤¯ पाद पंकजम, नमामि देवी नरà¥à¤®à¤¦à¥‡'' का गान करते हà¥à¤ आगे चल रहे रथ, फिर कलश लिये महिलाà¤à¤, इनके पीछे ढोल-ढमाकों के साथ नाचते à¤à¤•à¥à¤¤-गण और फिर नरà¥à¤®à¤¦à¤¾ कलश और धà¥à¤µà¤œ के साथ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ शिवराज सिंह चौहान, उनकी धरà¥à¤®à¤ªà¤¤à¥à¤¨à¥€ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ साधना सिंह, मंतà¥à¤°à¥€, विधायक, अनà¥à¤¯ जन-पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿, सामाजिक कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾ और अंत में अपार जन-समूह। यह था 'नमामि देवी नरà¥à¤®à¤¦à¥‡'' -सेवा यातà¥à¤°à¤¾ का खंडवा जिले के गà¥à¤°à¤¾à¤® कोटी से शिव नगरी ओंकारेशà¥à¤µà¤° तक का विहंगम दृशà¥à¤¯à¥¤ यातà¥à¤°à¤¾ के दोनों ओर खड़े होकर लोगों ने पà¥à¤·à¥à¤ª-वरà¥à¤·à¤¾ कर यातà¥à¤°à¤¾ का सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया।
यह अनूठा दृशà¥à¤¯ à¤à¤¸à¤¾ लग रहा था जैसे नरà¥à¤®à¤¦à¤¾ माठसà¥à¤µà¤¯à¤‚ कल-कल करती साथ चल रही हैं। यातà¥à¤°à¤¾ में वन मंतà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ गौरीशंकर शेजवार, महिला-बाल विकास मंतà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ चिटनिस, तकनीकी शिकà¥à¤·à¤¾ राजà¥à¤¯ मंतà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ दीपक जोशी, सांसद शà¥à¤°à¥€ ननà¥à¤¦à¤•à¥à¤®à¤¾à¤° सिंह चौहान और विधायक, राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤µà¤¯à¤‚सेवक संघ के सह-सरकारà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¹ शà¥à¤°à¥€ सà¥à¤°à¥‡à¤¶ सोनी बारी-बारी से कलश और धà¥à¤µà¤œ लेकर यातà¥à¤°à¤¾ में चले।
किनà¥à¤¨à¤° रूबी ने à¤à¥€ लिया कलश
यातà¥à¤°à¤¾ में à¤à¤¿à¤°à¤£à¥à¤¯à¤¾ की किनà¥à¤¨à¤° रूबी नरà¥à¤®à¤¦à¤¾ कलश लेकर चलीं। उनके साथ किनà¥à¤¨à¤° नरगिस मौसी और संतो à¤à¥€ यातà¥à¤°à¤¾ में शामिल रही।
उजà¥à¤œà¥ˆà¤¨ से आठदिवà¥à¤¯à¤¾à¤‚ग रोहित
यातà¥à¤°à¤¾ का पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ और उसकी महिमा पूरे पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है। उजà¥à¤œà¥ˆà¤¨ से यातà¥à¤°à¤¾ में शामिल होने दिवà¥à¤¯à¤¾à¤‚ग 16 वरà¥à¤·à¥€à¤¯ शà¥à¤°à¥€ रोहित बैरागी à¤à¥€ आठथे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि à¤à¤²à¥‡ हमारे यहाठसे नरà¥à¤®à¤¦à¤¾ नदी नहीं निकलती लेकिन हम सब इस पà¥à¤£à¥à¤¯ कारà¥à¤¯ में सहà¤à¤¾à¤—ी बनना चाहते हैं।
सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ अवधेशानंद गिरि ने किया यातà¥à¤°à¤¾ का सà¥à¤µà¤¾à¤—त
यातà¥à¤°à¤¾ के ओंकारेशà¥à¤µà¤° पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ पर सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ अवधेशानंद गिरिजी महाराज ने सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया। यातà¥à¤°à¤¾ में साधà¥-संत, सà¥à¤•à¥‚ली बचà¥à¤šà¥‡, महिलाà¤à¤, बà¥à¤°à¥à¤œà¥à¤— सà¤à¥€ पूरे उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ के साथ शामिल हà¥à¤à¥¤ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ चौहान का पूरे मारà¥à¤— में जगह-जगह फूल माला और शॉल-शà¥à¤°à¥€à¤«à¤² से सà¥à¤µà¤¾à¤—त हà¥à¤†à¥¤
सेलà¥à¤«à¥€ लेने को थे सब आतà¥à¤°
यातà¥à¤°à¤¾ में अधिकांश लोग मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ और नरà¥à¤®à¤¦à¤¾ कलश के साथ सेलà¥à¤«à¥€ लेने के लिये आतà¥à¤° थे। हर कोई नरà¥à¤®à¤¦à¤¾ कलश की à¤à¤• à¤à¤²à¤• पाने को आतà¥à¤° था।