इस सà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ से जलà¥à¤¦ पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ होते हैं à¤à¥‹à¤²à¥‡à¤¨à¤¾à¤¥...
à¤à¤—वान शंकर à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ की पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ से बहà¥à¤¤ जलà¥à¤¦ ही पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ हो जाते हैं. इसी कारण उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ आशà¥à¤¤à¥‹à¤· à¤à¥€ कहा जाता है. वैसे तो धरà¥à¤®à¤—à¥à¤°à¤‚थों में à¤à¥‹à¤²à¥‡à¤¨à¤¾à¤¥ की कई सà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ हैं, पर शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤®à¤šà¤°à¤¿à¤¤à¤®à¤¾à¤¨à¤¸ का रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¤•à¤® अपने-आप में बेजोड़ है.
रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¤•à¤® केवल गाने के लिहाज से ही नहीं, बलà¥à¤•à¤¿ à¤à¤¾à¤µ के नजरिठसे à¤à¥€ à¤à¤•à¤¦à¤® मधà¥à¤° है. यही वजह है शिव के आराधक इसे याद रखते हैं और पूजा के समय ससà¥à¤µà¤° पाठकरते हैं. रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¤•à¤® और इसका à¤à¤¾à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ आगे दिया गया है...
नमामीशमीशान निरà¥à¤µà¤¾à¤£à¤°à¥‚पं । विà¤à¥à¤‚ वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤•à¤‚ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤µà¥‡à¤¦à¤¸à¥à¤µà¤°à¥‚पमॠ॥
निजं निरà¥à¤—à¥à¤£à¤‚ निरà¥à¤µà¤¿à¤•à¤²à¥à¤ªà¤‚ निरीहं । चिदाकाशमाकाशवासं à¤à¤œà¥‡à¤½à¤¹à¤®à¥ ॥1॥
(हे मोकà¥à¤·à¤°à¥‚प, विà¤à¥, वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®, वेदसà¥à¤µà¤°à¥‚प ईशानदिशा के ईशà¥à¤µà¤° और सबके सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ शिवजी, मैं आपको नमसà¥à¤•à¤¾à¤° करता हूं. निज सà¥à¤µà¤°à¥‚प में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤, à¤à¥‡à¤¦ रहित, इचà¥à¤›à¤¾ रहित, चेतन, आकाश रूप शिवजी मैं आपको नमसà¥à¤•à¤¾à¤° करता हूं.)
निराकारमोङà¥à¤•à¤¾à¤°à¤®à¥‚लं तà¥à¤°à¥€à¤¯à¤‚ । गिराजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤—ोतीतमीशं गिरीशमॠ।
करालं महाकालकालं कृपालं । गà¥à¤£à¤¾à¤—ारसंसारपारं नतोऽहमॠ॥2॥
(निराकार, ओंकार के मूल, तà¥à¤°à¥€à¤¯ (तीनों गà¥à¤£à¥‹à¤‚ से अतीत) वाणी, जà¥à¤žà¤¾à¤¨ और इनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से परे, कैलाशपति, विकराल, महाकाल के à¤à¥€ काल, कृपालà¥, गà¥à¤£à¥‹à¤‚ के धाम, संसार से परे परमेशवर को मैं नमसà¥à¤•à¤¾à¤° करता हूं.)
तà¥à¤·à¤¾à¤°à¤¾à¤¦à¥à¤°à¤¿à¤¸à¤‚काशगौरं गà¤à¥€à¤°à¤‚ । मनोà¤à¥‚तकोटिपà¥à¤°à¤à¤¾à¤¶à¥à¤°à¥€ शरीरमॠ॥
सà¥à¤«à¥à¤°à¤¨à¥à¤®à¥Œà¤²à¤¿à¤•à¤²à¥à¤²à¥‹à¤²à¤¿à¤¨à¥€ चारà¥à¤—ङà¥à¤—ा । लसदà¥à¤à¤¾à¤²à¤¬à¤¾à¤²à¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥ कणà¥à¤ े à¤à¥à¤œà¤™à¥à¤—ा ॥3॥
(जो हिमाचल के समान गौरवरà¥à¤£ तथा गंà¤à¥€à¤° हैं, जिनके शरीर में करोड़ों कामदेवों की जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤‚ शोà¤à¤¾ है, जिनके सिर पर सà¥à¤‚दर नदी गंगाजी विराजमान हैं, जिनके ललाट पर दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯à¤¾ का चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤®à¤¾ और गले में सरà¥à¤ª सà¥à¤¶à¥‹à¤à¤¿à¤¤ है...)
चलतà¥à¤•à¥à¤£à¥à¤¡à¤²à¤‚ à¤à¥à¤°à¥‚सà¥à¤¨à¥‡à¤¤à¥à¤°à¤‚ विशालं । पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨à¤¾à¤¨à¤¨à¤‚ नीलकणà¥à¤ ं दयालमॠ॥
मृगाधीशचरà¥à¤®à¤¾à¤®à¥à¤¬à¤°à¤‚ मà¥à¤£à¥à¤¡à¤®à¤¾à¤²à¤‚ । पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤‚ शङà¥à¤•à¤°à¤‚ सरà¥à¤µà¤¨à¤¾à¤¥à¤‚ à¤à¤œà¤¾à¤®à¤¿ ॥4॥
(जिनके कानों में कà¥à¤£à¥à¤¡à¤² शोà¤à¤¾ पा रहे हैं. सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° à¤à¥ƒà¤•à¥à¤Ÿà¥€ और विशाल नेतà¥à¤° हैं, जो पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ मà¥à¤–, नीलकणà¥à¤ और दयालॠहैं. सिंह चरà¥à¤® का वसà¥à¤¤à¥à¤° धारण किठऔर मà¥à¤£à¥à¤¡à¤®à¤¾à¤² पहने हैं, उन सबके पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‡ और सबके नाथ शà¥à¤°à¥€ शंकरजी को मैं à¤à¤œà¤¤à¤¾ हूं.)
पà¥à¤°à¤šà¤£à¥à¤¡à¤‚ पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿà¤‚ पà¥à¤°à¤—लà¥à¤à¤‚ परेशं । अखणà¥à¤¡à¤‚ अजं à¤à¤¾à¤¨à¥à¤•à¥‹à¤Ÿà¤¿à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤‚ ॥
तà¥à¤°à¤¯: शूलनिरà¥à¤®à¥‚लनं शूलपाणिं । à¤à¤œà¥‡à¤½à¤¹à¤‚ à¤à¤µà¤¾à¤¨à¥€à¤ªà¤¤à¤¿à¤‚ à¤à¤¾à¤µà¤—मà¥à¤¯à¤®à¥ ॥5॥
(पà¥à¤°à¤šà¤‚ड, शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ तेजसà¥à¤µà¥€, परमेशà¥à¤µà¤°, अखणà¥à¤¡, अजनà¥à¤®à¤¾, करोडों सूरà¥à¤¯ के समान पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ वाले, तीनों पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के शूलों को निरà¥à¤®à¥‚ल करने वाले, हाथ में तà¥à¤°à¤¿à¤¶à¥‚ल धारण किà¤, à¤à¤¾à¤µ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होने वाले à¤à¤µà¤¾à¤¨à¥€ के पति शà¥à¤°à¥€ शंकरजी को मैं à¤à¤œà¤¤à¤¾ हूं.)
कलातीतकलà¥à¤¯à¤¾à¤£ कलà¥à¤ªà¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤•à¤¾à¤°à¥€ । सदा सजà¥à¤œà¤¨à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦à¤¦à¤¾à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥€ ॥
चिदाननà¥à¤¦à¤¸à¤‚दोह मोहापहारी । पà¥à¤°à¤¸à¥€à¤¦ पà¥à¤°à¤¸à¥€à¤¦ पà¥à¤°à¤à¥‹ मनà¥à¤®à¤¥à¤¾à¤°à¥€ ॥6॥
(कलाओं से परे, कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ सà¥à¤µà¤°à¥‚प, पà¥à¤°à¤²à¤¯ करने वाले, सजà¥à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ को सदा आनंद देने वाले, तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤¸à¥à¤° के शतà¥à¤°à¥, सचà¥à¤šà¤¿à¤¦à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦à¤˜à¤¨, मोह को हरने वाले, मन को मथ डालनेवाले हे पà¥à¤°à¤à¥‹, पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ होइà¤, पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ होइà¤.)
न यावदॠउमानाथपादारविनà¥à¤¦à¤‚ । à¤à¤œà¤¨à¥à¤¤à¥€à¤¹ लोके परे वा नराणामॠ।
न तावतà¥à¤¸à¥à¤–ं शानà¥à¤¤à¤¿ सनà¥à¤¤à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾à¤¶à¤‚ । पà¥à¤°à¤¸à¥€à¤¦ पà¥à¤°à¤à¥‹ सरà¥à¤µà¤à¥‚ताधिवासं ॥7॥
(जब तक मनà¥à¤·à¥à¤¯ शà¥à¤°à¥€à¤ªà¤¾à¤°à¥à¤µà¤¤à¥€à¤œà¥€ के पति के चरणकमलों को नहीं à¤à¤œà¤¤à¥‡, तब तक उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ न तो इहलोक में, न ही परलोक में सà¥à¤–-शानà¥à¤¤à¤¿ मिलती है और अनके कषà¥à¤Ÿà¥‹à¤‚ का à¤à¥€ नाश नहीं होता है. अत: हे समसà¥à¤¤ जीवों के हृदय में निवास करने वाले पà¥à¤°à¤à¥‹, पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ होइà¤.)
न जानामि योगं जपं नैव पूजां । नतोऽहं सदा सरà¥à¤µà¤¦à¤¾ शमà¥à¤à¥à¤¤à¥à¤à¥à¤¯à¤®à¥ ॥
जराजनà¥à¤®à¤¦à¥à¤ƒà¤–ौघ तातपà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨à¤‚ । पà¥à¤°à¤à¥‹ पाहि आपनà¥à¤¨à¤®à¤¾à¤®à¥€à¤¶ शंà¤à¥‹ ॥8॥
(मैं न तो योग जानता हूं, न जप और न पूजा ही. हे शमà¥à¤à¥‹, मैं तो सदा-सरà¥à¤µà¤¦à¤¾ आप को ही नमसà¥à¤•à¤¾à¤° करता हूं. हे पà¥à¤°à¤à¥‹! बà¥à¥à¤¾à¤ªà¤¾ तथा जनà¥à¤® के दà¥:ख समूहों से जलते हà¥à¤ मà¥à¤ दà¥à¤–ी की दà¥:खों से रकà¥à¤·à¤¾ कीजिà¤. हे शमà¥à¤à¥‹, मैं आपको नमसà¥à¤•à¤¾à¤° करता हूं.)
रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¤•à¤®à¤¿à¤¦à¤‚ पà¥à¤°à¥‹à¤•à¥à¤¤à¤‚ विपà¥à¤°à¥‡à¤£ हरतोषये ॥।
ये पठनà¥à¤¤à¤¿ नरा à¤à¤•à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¾ तेषां शमà¥à¤à¥à¤ƒ पà¥à¤°à¤¸à¥€à¤¦à¤¤à¤¿ ॥9॥
(जो मनà¥à¤·à¥à¤¯ इस सà¥à¤¤à¥‹à¤¤à¥à¤° को à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤ªà¥‚रà¥à¤µà¤• पà¥à¤¤à¥‡ हैं, उन पर शमà¥à¤à¥ विशेष रूप से पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ होते हैं.)