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प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के क्रियान्वयन में प्रदेश अव्वल

63 हजार किलोमीटर से अधिक ग्रामीण सड़कों का निर्माण

भोपाल :  à¤ªà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚त्री ग्राम सड़क योजना में स्वीकृत की गई 74 हजार 915 किलोमीटर में से 63 हजार 212 किलोमीटर ग्राम सड़क पूर्ण की गई। इस पर स्वीकृति राशि रूपये 22 हजार 871 करोड़ में से राशि रूपये 17 हजार 432 करोड़ का व्यय किया गया। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश, राजस्थान और बिहार प्रदेशों की तुलना में ग्राम सड़क निर्माण और इस पर हुए व्यय की स्थिति अनुसार देश में इस क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश अव्वल है।

इस योजना के अंतर्गत एडीबी के सहायता से मार्गों की स्वीकृतियाँ प्राप्त की गई हैं। एडीबी द्वारा इन मार्गों के निर्माण एवं गुणवत्ता के लिये प्रदेश को 'रूरल रोड प्रोजेक्ट' में पुरस्कृत कर सराहना प्रदान की गई है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में निर्मित मार्गों के संधारण के लिये राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर 'सीआईडीसी विश्वकर्मा पुरस्कार 2016' से सम्मानित किया गया है। देश स्तर पर इस संधारण नीति की सराहना की गई है।

प्रदेश सरकार द्वारा पर्यावरण के लिए नुकसान पहुँचाने वाले प्लास्टिक कचरे का उपयोग करते हुए मार्गों का निर्माण कार्य किया जा रहा है। प्रदेश प्लास्टिक कचरे से मुक्त करने की दृष्टि से सबसे सफलतम प्रयोग कर स्वच्छ भारत मिशन में चल रहे कार्यक्रम में अहम भूमिका अदा कर रहा है। अभी तक लगभग 1600 कि.मी. मार्ग के निर्माण में 800 टन प्लास्टिक कचरे का उपयोग किया गया है।

प्रधानमंत्री सड़क योजना में विगत 11 वर्षों (अप्रैल 2005 से मार्च 2016) के दौरान 15 हजार 424 मार्गों (लंबाई 61 हजार 235 कि.मी.) के निर्माण पर रूपये 19 हजार 362 करोड़ की स्वीकृति प्राप्त की गई है। प्रदेश के 313 विकासखण्डों में से श्येड्यूलल-5 में शामिल 88 विकासखण्डों में योजना के क्रियान्वयन के लिये दिशा-निर्देश के तहत 250 आबादी के संपर्कविहीन बसाहटों को संपर्क सुविधा प्रदान करने की दृष्टि से चयनित सभी पात्र बसाहटों के लिये मार्गों का निर्माण किया गया है। इससे अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग के समुदाय बड़ी संख्या में लाभान्वित हुए हैं।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में निर्मित मार्गों से ग्रामीणों को शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार तथा विशेषकर कृषि संबंधित सुविधाओं में अत्याधिक वृद्धि देखी गई है। कृषक अपने कृषि उत्पादों को सीधे कृषि उपज मंडी में ले जाकर विक्रय कर लाभ प्राप्‍त कर रहा है। इस सुविधा से विचौलियों से छुटकारा तथा ग्रामीण जनता के पलायन में सर्वाधिक कमी देखी गई है। इन मार्गों के निर्माण से प्रदेश के ग्रामीणजनों का जीवन सुगम एवं सरल होने के साथ ही जीवन-स्‍तर में भी सुधार होने से आर्थिक विकास में भी वृद्धि हुई है।

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