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विकास संभव और चिरस्थायी नहीं जब तक वह मान-कल्याण के लिए न हो

भोपाल :  à¤²à¥‹à¤• सभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन ने कहा है कि विकास तब तक संभव और चिरस्थायी नहीं हो सकता जब तक यह मानव-कल्याण के लिए  न हो à¥¤ इस संबंध में उन्होंने पंडित दीन दयाल उपाध्याय की कही बात को उद्धृत किया कि 'एकात्म  मानववाद ही विकास का आधार है क्योंकि इसमें ऐसे स्वदेशी  आर्थिक तंत्र  का समर्थन किया गया है जिसमें मानव-कल्याण को केंद्र में रखा गया है। 'श्रीमती महाजन आज  इंदौर में होटल रैडिसन ब्लू में दक्षिण एशियाई देशों के अध्यक्षों के शिखर सम्मेलन का उद्घाटन कर रही थी। श्रीमती महाजन ने कहा कि हमारी संस्कृति की कीमत पर होने वाला विकास चिरस्थायी नहीं होगा। इतिहास इस बात का गवाह है कि अपनी सभ्यता की ताकत के बल पर हमने  कैसे आधुनिक चुनौतियों का भी डटकर सामना किया है।

श्रीमती महाजन ने कहा कि सतत विकास लक्ष्यों से मानव-जाति के विकास के लिए विश्वव्यापी प्राथमिकताएँ  निर्धारित हुई हैं। इनका उद्देश्य  आर्थिक, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण के तीन महत्वपूर्ण पहलु के बीच संतुलन बनाना है। इन लक्ष्यों के पीछे छिपी हितकारी सोच की सराहना करते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देशवासियों को हर हाल में प्राथमिकता दी जानी चाहिए। अमीरों और  गरीबों के बीच बढ़ती खाई को पाटने के लिए समावेशी और व्यापक आधार वाले आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

श्रीमती महाजन ने कहा कि दक्षिण एशिया के देशों का न केवल सांझा इतिहास और साथ जुड़ा हुआ भौगौलिक क्षेत्र है, बल्कि हमारी नियति भी सांझी है। उन्होंने जोर दिया कि इन क्षेत्रों को अपने देशवासियों की खुशहाली और शान्ति के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने उन अनुमानों का उल्लेख किया जिनके अनुसार पूरे संसार में सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रति वर्ष अनुमानित व्यय लगभग 5 से 7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है। इनमें से विकासशील देशों को प्रति वर्ष लगभग 3.9 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की आवश्यकता होती है। उन्होंने जानकारी दी कि भारत की सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अगले 15 सालों में प्रति वर्ष लगभग 565 बिलियन डॉलर खर्च करने की योजना है।

श्रीमती महाजन ने कहा कि भारत एक महत्वाकांक्षी, व्यापक और समतावादी विकास का  अजेंडा तैयार करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर कार्य करने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि लोगों और उनकी सरकार के बीच संपर्क सूत्र होने के नाते सांसद इन लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने पीढ़ियों के बीच इक्विटी; देशों के बीच विकास संबंधी असमानता; विकसित देशों द्वारा विकासशील देशों को वित्तीय सहायता और प्रौद्योगिकी दिए जाने की आवश्यकता; पर्यावरणीय सरोकारों को ध्यान में रखते हुए अधिक समतावादी विकास करने से जुड़े मुद्दों पर ध्यान देने का आग्रह किया।

श्रीमती महाजन ने कहा कि उन्हें खुशी है कि इंदौर सम्मेलन में à¤¸à¤¤à¤¤ विकास लक्ष्यों के कार्यान्वयन के लिए संसाधन, महिला-पुरुष समानता, जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन के  विषय पर चर्चा करने का प्रयास किया जा रहा है।

 à¤¶à¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ महाजन ने देवी अहिल्याबाई होलकर का स्मरण करते हुए कहा कि वह लोगों के दिलों पर राज करती थी। उनके  महान प्रशासनिक गुणों और बिना किसी भय और पक्षपात के न्याय करने के लिए आज भी उनकी पूजा की जाती है। श्रीमती महाजन ने कहा कि  उनके लिए बहुत गर्व की बात है कि वह पिछले 28 सालों से उस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रही हैं जिस पर ऐसी सुप्रसिद्ध महिला ने शासन किया था।

अंतर संसदीय संघ के अध्यक्ष श्री साबिर चौधरी ने कहा कि दक्षिण एशिया के देशों के लिए सतत विकास लक्ष्य बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यदि दक्षिण एशिया इन्हें प्राप्त करने में असफल रहता है, तो सतत विकास लक्ष्य भी असफल हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करना बहुत चुनौतीपूर्ण कार्य है क्योंकि इस क्षेत्र के लगभग 31 % लोग गरीब हैं। इस पृष्ठभूमि में सांसदों को अपने देशों की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को मूर्त रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। उन्होंने जानकारी दी कि श्रीलंका  वर्ष 2018 में दक्षिण एशियाई देशों के अध्यक्षों के अगले शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए सहमत हो गया है।

मध्य प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा ने कहा कि क्षेत्रीय सहयोग और एकता से  व्यापार के उदारीकरण, परिवहन संयोजन को सुदृढ़ करने और सीमा पार  परिवहन और व्यापार को सुगम बनाने जैसे अनेक माध्यमों से दक्षिण एशिया में सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए राष्ट्रीय कार्यवाही को और मजबूत किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया में ऊर्जा सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए क्षेत्रीय सहयोग बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि प्रतिनिधियों के बीच सार्थक चर्चाएँ होंगी और सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में महत्वपूर्ण और प्रगतिशील कदम उठाये जाएंगे।

शिखर सम्मेलन में अफ़ग़ानिस्तान की नेशनल असेंबली के स्पीकर श्री अब्दुल रऊफ इब्राहिमी; बांग्लादेश की संसद की स्पीकर डॉ शिरीन शर्मिन चौधरी; भूटान की नेशनल असेंबली के स्पीकर श्री जिग्मे ज़ांग्पो; भूटान की नेशनल काउंसिल के डिप्टी चेयरपर्सन श्री शेरिंग दोरजी; श्रीलंका की संसद के स्पीकर श्री कारू जयसूर्या; मालदीव की संसद के स्पीकर श्री अब्दुल्ला मसीह मोहम्मद; नेपाल की संसद की अध्यक्ष सुश्री ओनसारी घरती और सम्मेलन में भाग ले रहे देशों के संसद सदस्य शामिल हुए हैं।

इससे पहले होटल रैडिसन ब्लू में श्रीमती महाजन को गार्ड ऑफ़ ऑनर दिया गया। शिखर सम्मेलन का समापन सत्र 19 फरवरी को दोपहर 12 से एक बजे होगा।

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