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अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल को नहीं दिया वोट!

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में 12 जिलों की 69 सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी वोट डालने सैफई पहुंचे.
जब अखिलेश वोट डालने के बाद बाहर निकले तो पत्रकार उन पर लगातार सवाल दागने लगे. जब उनसे यह पूछा गया कि क्या उन्होंने अपना वोट चाचा शिवपाल यादव को दिया है? जवाब में अखिलेश ने शिवपाल यादव का नाम तक नहीं लिया.
बस मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को वोट दिया है. चाचा हो या कोई और सपा प्रत्याशी को हम सब सपोर्ट कर रहे हैं.
अखिलेश के जवाब में शिवपाल का जिक्र नहीं होना यह साफ बताता है कि अभी भी दोनों दिग्गजों के बीच की तल्खी कम नहीं हुई है. शिवपाल यादव समाजवादी पार्टी के टिकट पर ही जसवंतनगर सीट से मैदान में हैं और सैफई इसी सीट के अंतर्गत आता है.
अखिलेश से जब यह पूछा गया कि क्या 2019 के लोकसभा चुनाव में वे प्रधानमंत्री का उम्मीदवार होंगे? जवाब में अखिलेश ने कहा कि मेरा बहुत बड़ा सपना नहीं है कि मैं दिल्ली जाऊं... मैं यूपी में खुश हूं. मुझे उत्तर प्रदेश में काम करना है.
य़ूपी चुनाव के तीसरे चरण में कुल 826 प्रत्याशी मैदान में हैं और करीब दो करोड़ 41 लाख मतदाता हैं. वोटिंग के लिए कुल 25 हजार 603 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. इटावा सीट पर सबसे अधिक 21 प्रत्याशी मैदान में हैं, जबकि बाराबंकी की हैदरगढ़ सीट पर सबसे कम तीन उम्मीदवार हैं.
यह चरण इसलिए अहम है, क्योंकि इसमें सपा के गढ़ इटावा, मैनपुरी, कन्नौज, बाराबंकी और फर्रुखाबाद में मतदान हो रहे हैं. इस फेज में शिवपाल सिंह यादव, मुलायम की छोटी बहू अपर्णा यादव और रीता बहुगुणा जोशी, अखिलेश के चचेरे भाई अनुराग यादव, प्रदेश के कैबिनेट मंत्री अरविंद सिंह गोप, राज्यमंत्री फरीद महफूज किदवई, राज्यमंत्री राजीव कुमार सिंह, राज्यमंत्री नितिन अग्रवाल, बसपा छोड़कर भाजपा में गए बृजेश पाठक और कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य पीएल पुनिया के बेटे तनुज पुनिया के राजनीतिक भाग्य का फैसला होगा.
वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा ने इन 69 सीटों में से 55 सीटें जीती थीं. बसपा को छह और भाजपा को पांच सीटें मिली थीं. कांग्रेस के खाते में दो सीटें गई थीं और एक सीट निर्दलीय प्रत्याशी को हासिल हुई थी.

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