Home > राज्यो से ,धर्म कर्म ,वायरल न्यूज़,
साल के पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• दिन हर पल बिना रà¥à¤•à¥‡ यहाठशिवलिंग का होता है अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤•, जानिठइस चमतà¥à¤•à¤¾à¤°à¥€ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के बारे में
यहां से कà¥à¤› ही दूरी पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है रामगॠजिला। यहीं पर सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ है à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ शिवमंदिर, जो अपने आप में कई रहसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को समेटा हà¥à¤† है। मंदिर में सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ शिवलिंग पर अपने-आप जलाà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• होता रहता है। वो à¤à¥€ 365 दिन 24 घंटे। यह देखने और पूजा-अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ के लिठयहां हजारों की à¤à¥€à¥œ जà¥à¤Ÿà¤¤à¥€ है।
24 मारà¥à¤š को शिवरातà¥à¤°à¥€ मनाई जाà¤à¤—ी। इस अवसर पर हम आपको बता रहे हैं रामगॠसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ टूटी à¤à¤°à¤¨à¤¾ मंदिर की कहानी।
-हमारे देश में कई शिवमंदिर हैं पर à¤à¤¾à¤°à¤–ंड के रामगॠजिला सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ टूटी à¤à¤°à¤¨à¤¾ मंदिर की बात ही निराली है।
-यहां सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शिवलिंग पर जलाà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• कोई और नहीं, बलà¥à¤•à¤¿ मां गंगा की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ खà¥à¤¦ करती है। वो à¤à¥€ 365 दिन 24 घंटे।
-मां गंगा की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ से जल की धारा निकलती है, जो सीधे शिवलिंग पर गिरती रहती है। यह जल की धारा कहां से आती है, यह आज à¤à¥€ रहसà¥à¤¯ बना हà¥à¤† है। इस जलाà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• की जानकारी पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ में à¤à¥€ मिलती है।
-खास बात यह à¤à¥€ है कि इस मंदिर के पास दो हैंडपंप à¤à¥‡à¤¸à¥‡ à¤à¥€ हैं, जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बिना चलाठही लगातार मोटी धार के साथ पानी गिरता रहता है। इस हैंडपंप में हैंडल à¤à¥€ नहीं लगाठगठहैं।
खà¥à¤¦à¤¾à¤ˆ में मिला था शिवलिंग
-पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ मंदिर टूटी à¤à¤°à¤¨à¤¾ को लेकर à¤à¤• पौराणिक कथा पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ है। माना जाता है कि बहà¥à¤¤ साल पहले यहां रेलवे लाइन बिछाने के दौरान इस मंदिर के बारे में लोगों को जानकारी मिली थी।
-यहां के बारे में यह à¤à¥€ कहा जाता है कि कà¤à¥€ पानी के लिठयहां खà¥à¤¦à¤¾à¤ˆ की जा रही थी। इसी दौरान जमीन के अंदर कà¥à¤› चीज दिखाई पड़ी।
-खà¥à¤¦à¤¾à¤ˆ के वकà¥à¤¤ यहां अंगà¥à¤°à¥‡à¤œ à¤à¥€ मौजूद थे। जब पूरी खà¥à¤¦à¤¾à¤ˆ की गई तो जमीन के अंदर शिवलिंग नजर आया। साथ ही, मां गंगा की à¤à¤• पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ à¤à¥€ मिली। उस वकà¥à¤¤ à¤à¥€ मंदिर में मौजूद शिवलिंग पर जलाà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• हो रहा था।
-यह आज à¤à¥€ रहसà¥à¤¯ बना हà¥à¤† है कि आखिर इस पानी का सà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤¤ कहां है? यहां लगाठगठदो हैंडपंप à¤à¥€ रहसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ से घिरे हà¥à¤ हैं।
-यहां लोगों को पानी के लिठहैंडपंप चलाने की जरूरत नहीं पड़ती, बलà¥à¤•à¤¿ इनसे अपने-आप हमेशा पानी नीचे गिरता रहता है।
-खास बात तो यह है कि à¤à¥€à¤·à¤£ गरà¥à¤®à¥€ में à¤à¥€ इन दोनों हैंडपंप से निकलने वाला पानी कम नहीं होता है। इस मंदिर में शिवलिंग के दरà¥à¤¶à¤¨ के लिठदूर-दूर से लोग पहà¥à¤‚चते हैं।
-यहां सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शिवलिंग पर जलाà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• कोई और नहीं, बलà¥à¤•à¤¿ मां गंगा की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ खà¥à¤¦ करती है। वो à¤à¥€ 365 दिन 24 घंटे।
-मां गंगा की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ से जल की धारा निकलती है, जो सीधे शिवलिंग पर गिरती रहती है। यह जल की धारा कहां से आती है, यह आज à¤à¥€ रहसà¥à¤¯ बना हà¥à¤† है। इस जलाà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• की जानकारी पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ में à¤à¥€ मिलती है।
-खास बात यह à¤à¥€ है कि इस मंदिर के पास दो हैंडपंप à¤à¥‡à¤¸à¥‡ à¤à¥€ हैं, जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बिना चलाठही लगातार मोटी धार के साथ पानी गिरता रहता है। इस हैंडपंप में हैंडल à¤à¥€ नहीं लगाठगठहैं।
खà¥à¤¦à¤¾à¤ˆ में मिला था शिवलिंग
-पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ मंदिर टूटी à¤à¤°à¤¨à¤¾ को लेकर à¤à¤• पौराणिक कथा पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ है। माना जाता है कि बहà¥à¤¤ साल पहले यहां रेलवे लाइन बिछाने के दौरान इस मंदिर के बारे में लोगों को जानकारी मिली थी।
-यहां के बारे में यह à¤à¥€ कहा जाता है कि कà¤à¥€ पानी के लिठयहां खà¥à¤¦à¤¾à¤ˆ की जा रही थी। इसी दौरान जमीन के अंदर कà¥à¤› चीज दिखाई पड़ी।
-खà¥à¤¦à¤¾à¤ˆ के वकà¥à¤¤ यहां अंगà¥à¤°à¥‡à¤œ à¤à¥€ मौजूद थे। जब पूरी खà¥à¤¦à¤¾à¤ˆ की गई तो जमीन के अंदर शिवलिंग नजर आया। साथ ही, मां गंगा की à¤à¤• पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ à¤à¥€ मिली। उस वकà¥à¤¤ à¤à¥€ मंदिर में मौजूद शिवलिंग पर जलाà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• हो रहा था।
-यह आज à¤à¥€ रहसà¥à¤¯ बना हà¥à¤† है कि आखिर इस पानी का सà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤¤ कहां है? यहां लगाठगठदो हैंडपंप à¤à¥€ रहसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ से घिरे हà¥à¤ हैं।
-यहां लोगों को पानी के लिठहैंडपंप चलाने की जरूरत नहीं पड़ती, बलà¥à¤•à¤¿ इनसे अपने-आप हमेशा पानी नीचे गिरता रहता है।
-खास बात तो यह है कि à¤à¥€à¤·à¤£ गरà¥à¤®à¥€ में à¤à¥€ इन दोनों हैंडपंप से निकलने वाला पानी कम नहीं होता है। इस मंदिर में शिवलिंग के दरà¥à¤¶à¤¨ के लिठदूर-दूर से लोग पहà¥à¤‚चते हैं।