à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤² नवाब की संपतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ पर पटौदी परिवार का अधिकार खतà¥à¤®
लोकसà¤à¤¾ ने à¤à¥€ 49 साल पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ शतà¥à¤°à¥ संपतà¥à¤¤à¤¿ कानून संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। इसमें यà¥à¤¦à¥à¤§ बाद शतà¥à¤°à¥ देश-पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ या चीन में बसे नागरिकों या उनके वारिसों को à¤à¤¾à¤°à¤¤ में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ उनकी संपतà¥à¤¤à¤¿ के हक से वंचित कर दिया गया है। à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤² नवाब के वारिसों (सैफ अली व अनà¥à¤¯ पटौदी परिवार) की संपतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ पर दावेदारी खतà¥à¤® हो गई।
यह है à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤² के नवाब की संपतà¥à¤¤à¤¿ का विवाद ?
हमीदà¥à¤²à¥à¤²à¤¾ खान à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤² के आखिरी नवाब थे। उनकी दो बेटियां थीं, आबिदा सà¥à¤²à¥à¤¤à¤¾à¤¨ और साजिदा सà¥à¤²à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥¤ नवाब का कोई बेटा नहीं था। रियासतों की उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤§à¤¿à¤•à¤¾à¤°à¥€ चà¥à¤¨à¤¨à¥‡ की नीति के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° बड़ी संतान को पिता की संपतà¥à¤¤à¤¿ पर उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤§à¤¿à¤•à¤¾à¤° मिलता था। इस लिहाज से आबिदा सà¥à¤²à¥à¤¤à¤¾à¤¨ नवाब की उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤§à¤¿à¤•à¤¾à¤°à¥€ थीं। आबिदा 1950 में पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ जाकर बस गईं।
लेकिन नवाब और उनका बाकी परिवार à¤à¤¾à¤°à¤¤ में ही रहा। 1960 में नवाब का निधन हो गया। चूंकि बड़ी बेटी आबिदा पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ जा चà¥à¤•à¥€ थीं, इसलिठछोटी बेटी साजिदा नवाब की वारिस बन गईं। वरà¥à¤· 1961 में ततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ पं. जवाहर लाल नेहरू ने साजिदा को à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤² का राजà¥à¤¯à¤¾à¤§à¤¿à¤•à¤¾à¤°à¥€ नियà¥à¤•à¥à¤¤ कर दिया, जिससे नवाब की जायदाद की वारिस साजिदा बन गईं।
जबलपà¥à¤° हाईकोरà¥à¤Ÿ में चल रहा मामला
वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में इस मामले पर मपà¥à¤° की जबलपà¥à¤° हाई कोरà¥à¤Ÿ में सà¥à¤¨à¤µà¤¾à¤ˆ चल रही है। à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤² के नवाब दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ और साजिदा सà¥à¤²à¥à¤¤à¤¾à¤¨ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उनकी संपतà¥à¤¤à¤¿ कई लोगों को बेची गई थी। उन लोगों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ वह दूसरे लोगों को बेची गई, जिसके कारण आज नवाब की संपतà¥à¤¤à¤¿ का मालिकाना हक कई बार बदल चà¥à¤•à¤¾ है। अà¤à¥€ जिनका उन पर मालिकाना हक है वे खà¥à¤¦ को ठगा महसूस कर रहे हैं।
अगर हालिया विधेयक के बाद उनकी संपतà¥à¤¤à¤¿ को शतà¥à¤°à¥ संपतà¥à¤¤à¤¿ मानकर सीईपी अपने अधिकार में लेती है तो à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤² में लाखों की à¤à¤¸à¥€ आबादी के पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ होने की संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ है जो नवाब से खरीदी संपतà¥à¤¤à¤¿ पर दशकों से रह रही है। इसमें कई आवासीय परिसर, वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¸à¤¾à¤¯à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ान, होटल और नगर निगम की जमीन शामिल है।
सैफ और सबा की दादी थी साजिदा
साजिदा सà¥à¤²à¥à¤¤à¤¾à¤¨ मंसूर अली खान पटौदी की मां, शरà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¾ टैगोर की सास और सैफ अली खान, सोहा अली खान और सबा अली खान की दादी थीं। 1968 में सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ शतà¥à¤°à¥ संपतà¥à¤¤à¤¿ अधिनियम लाया गया, जो पूरà¥à¤µ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ के साथ लागू हà¥à¤†à¥¤ कानून के 47 साल बाद पिछले वरà¥à¤· सीईपी ने नवाब की संपतà¥à¤¤à¤¿ को शतà¥à¤°à¥ संपतà¥à¤¤à¤¿ घोषित किया था तो à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤² के नवाब की संपतà¥à¤¤à¤¿ को लेकर बवाल खड़ा हà¥à¤† था।