आने वाली है चैतà¥à¤° नवरातà¥à¤°, जानें इसका महतà¥à¤µ
पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° पूरे साल में चार नवरातà¥à¤° मनाठजाते हैं जिनमें दो गà¥à¤ªà¥à¤¤ नवरातà¥à¤° सहित शारदीय नवरातà¥à¤° और चैतà¥à¤° नवरातà¥à¤° शामिल हैं। सà¤à¥€ नवरातà¥à¤° का आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से अपना महतà¥à¤µ है। इस दौरान देवी की पूजा होती है। नवरातà¥à¤° के नौ दिनों में लोग वà¥à¤°à¤¤ रख अपनी मनोकामना पूरी करने के लिठà¤à¤—वान से वरदान मांगते हैं। शारदीय नवरातà¥à¤° वैà¤à¤µ और à¤à¥‹à¤— पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ देने वाले है। गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¨à¤µà¤°à¤¾à¤¤à¥à¤° तंतà¥à¤° सिदà¥à¤§à¤¿ के लिठविशेष है जबकि चैतà¥à¤° नवरातà¥à¤° आतà¥à¤®à¤¶à¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ और मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ के लिà¤à¥¤
चैतà¥à¤° नवरातà¥à¤° से नववरà¥à¤· के पंचांग की गणना शà¥à¤°à¥‚ होती है। चैतà¥à¤° नवरातà¥à¤° की तो धारà¥à¤®à¤¿à¤• दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से इसका खास महतà¥à¤µ है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि चैतà¥à¤° नवरातà¥à¤° के पहले दिन आदिशकà¥à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ हà¥à¤ˆ थी और देवी के कहने पर बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾ जी को सृषà¥à¤Ÿà¤¿ निरà¥à¤®à¤¾à¤£ का काम शà¥à¤°à¥ किया था। इसलिठचैतà¥à¤° शà¥à¤•à¥à¤² पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤¦à¤¾ से हिनà¥à¤¦à¥‚ नववरà¥à¤· शà¥à¤°à¥ होता है।
चैतà¥à¤° नवरातà¥à¤° के तीसरे दिन à¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ ने मतà¥à¤¸à¥à¤¯ रूप में पहला अवतार लेकर पृथà¥à¤µà¥€ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की थी। इसके बाद à¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ का सातवां अवतार जो à¤à¤—वान राम का है वह à¤à¥€ चैतà¥à¤° नवरातà¥à¤° में हà¥à¤† था। इसलिठधारà¥à¤®à¤¿à¤• दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से चैतà¥à¤° नवरातà¥à¤° का बहà¥à¤¤ महतà¥à¤µ है।