निषà¥à¤•à¤¾à¤® सेवा के सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š उदाहरण शà¥à¤°à¥€ हनà¥à¤®à¤¾à¤¨, इनके हैं 12 नाम
किषà¥à¤•à¤¿à¤‚धा कांड में ऋषà¥à¤¯à¤®à¥‚क परà¥à¤µà¤¤ पर बैठे सà¥à¤—à¥à¤°à¥€à¤µ जब राम-लकà¥à¤·à¥à¤®à¤£ को देखते हैं तो à¤à¤¯ से हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ को उनके बारे में पता करने को कहते हैं। बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ रूप धर कर उनसे हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ पूछते हैं, ‘आप कौन हैं?’तब राम अपना परिचय देते हैं। हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾ और दà¥à¤– के मिशà¥à¤°à¤¿à¤¤ à¤à¤¾à¤µ से कहते हैं, ‘तब माया बस फिरउं à¤à¥à¤²à¤¾à¤¨à¤¾à¥¤ ताते मैं नहि पà¥à¤°à¤à¥ पहिचाना।’ वह राम से कहते हैं कि उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ तो अपने सेवक को पहचानना चाहिठथा। तब राम उतà¥à¤¤à¤° देते हैं,‘सेवक पà¥à¤°à¤¿à¤¯ अननà¥à¤¯ गति सोउ॥’ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ मà¥à¤à¤•à¥‹ सेवक अति पà¥à¤°à¤¿à¤¯ है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वह अननà¥à¤¯à¤—ति होता है। फिर कहते हैं- सो अननà¥à¤¯ जाके असि मति न टरइ हनà¥à¤®à¤‚त। मैं सेवक सचराचर रूप सà¥à¤µà¤¾à¤®à¤¿ à¤à¤—वंत॥
अननà¥à¤¯ वही है, जिसकी बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ में यह बात कà¤à¥€ नहीं à¤à¥‚लती कि मैं सेवक हूं और यह चराचर जगत मेरे सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ à¤à¤—वान का रूप है। हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ इसीलिठराम को लकà¥à¤·à¥à¤®à¤£ से अधिक पà¥à¤°à¤¿à¤¯ थे। हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी का जनà¥à¤® चैतà¥à¤° मास की पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ को तà¥à¤²à¤¾ राशि के चितà¥à¤° नकà¥à¤·à¤¤à¥à¤° में हà¥à¤† था। à¤à¤—वान शंकर के अवतार थे हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥¤ हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी को शौरà¥à¤¯ का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• माना जाता है। ना केवल दैहिक बल में, बलà¥à¤•à¤¿ मानसिक बल में à¤à¥€à¥¤
रामदूत अतà¥à¤²à¤¿à¤¤ बलधामा। अंजनीपà¥à¤¤à¥à¤° पवनसà¥à¤¤à¤¨à¤¾à¤®à¤¾à¥¤ महावीर विकà¥à¤°à¤® बजरंगी। कà¥à¤®à¤¤à¤¿ निवार सà¥à¤®à¤¤à¤¿ के संगी॥
इसीलिठउनमें सचà¥à¤šà¥‡ सेवक के गà¥à¤£ मिलते हैं। निषà¥à¤•à¤¾à¤® सेवा के सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š उदाहरण हैं हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी। हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जयंती के दिन हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी की मूरà¥à¤¤à¤¿ पर सिंदूर चढ़ाना चाहिठऔर यह मंतà¥à¤° पढ़ना चाहिà¤-ओम मनोजवं मारà¥à¤¤à¤¤à¥à¤²à¥à¤¯à¤µà¥‡à¤—ं जितेनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤‚ बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤®à¤¤à¤¾à¤‚ वरिषà¥à¤ म। वातातà¥à¤®à¤œà¤‚ वानरयूथ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤®à¤¦à¥‚तं शरणं पà¥à¤°à¤ªà¤¦à¥à¤¯à¥‡à¥¥
à¤à¤—वान शिव के 11वें रà¥à¤¦à¥à¤° के रूप में हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी आज à¤à¥€ मौजूद हैं। अणिमा, लघिमा, महिमा, गरिमा, पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿, पà¥à¤°à¤¾à¤•à¤¾à¤®à¥à¤¯, ईशितà¥à¤µ और वशितà¥à¤µ रूपी अषà¥à¤Ÿ सिदà¥à¤§à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हैं। जब तक राम कथा संसार में पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ है, तब तक हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी विदà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ हैं। हनà¥à¤®à¤¤ पà¥à¤°à¤¾à¤£ में हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी का नाम सà¥à¤‚दर बताया गया है। वालà¥à¤®à¥€à¤•à¤¿ रामायण व तà¥à¤²à¤¸à¥€ कृत रामचरितमानस में हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी की लीलाओं का गान सà¥à¤‚दर कांड में संà¤à¤µà¤¤: इसीलिठकिया गया है।
हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी के 12 नाम पà¥à¤°à¤®à¥à¤– हैं- हनà¥à¤®à¤¾à¤¨, अंजनी सà¥à¤¤, वायॠपà¥à¤¤à¥à¤°, महाबल, रामेषà¥à¤ , फालà¥à¤—à¥à¤£ सखा, पिंगाकà¥à¤·, अमित विकà¥à¤°à¤®, उदधिकà¥à¤°à¤®à¤£, सीता शोक विनाशन, लकà¥à¤·à¥à¤®à¤£ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¦à¤¾à¤¤à¤¾, दशगà¥à¤°à¥€à¤µ दरà¥à¤ªà¤¹à¤¾à¥¤