Homeराज्यो से ,slider news,
दिल्ली के राजौरी गार्डन से अकाली-BJP उम्मीदवार जीता, AAP की जमानत जब्त

आठ राज्यों की दस विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव की काउंटिंग चल रही है. उपचुनाव में भी बीजेपी की लहर जारी है. दिल्ली की राजौरी गार्डन सीट से बीजेपी-अकाली गठबंधन के उम्मीदवार मनजिंदर सिंह ने जीत दर्ज की है. वहीं हिमाचल प्रदेश की भोरंज सीट और असम की धीमाजी सीट से बीजेपी उम्मीदवार जीते हैं. मनजिंदर सिंह सिरसा ने 14652 मतों से जीत दर्ज की. यहां आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई.

इन 4 सीटों पर जीती बीजेपी
राजौरी गार्डन, दिल्ली
बांधवगढ़, मध्यप्रदेश
भोरंज, हिमाचल प्रदेश
भीमाजी, असम


राजस्थान की धौलपुर सीट से बीजेपी को बढ़त मिल रही है.
झारखंड की लिट्टीपाड़ा सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार आगे.
कर्नाटक की नंजनगुड सीट पर कांग्रेस आगे.
पं. बंगाल की कांठी दक्षिण सीट से तृणमूल उम्मीदवार आगे चल रहे हैं.
मध्यप्रदेश की अटेर सीट पर काउंटिंग रोक दी गई.कांग्रेस ने ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाया
एमपी की बांधवगढ़ सीट पर भी कांग्रेस ने दोबारा काउंटिंग की मांग की थी.

श्रीनगर में पुनर्मतदान
वहीं श्रीनगर लोकसभा क्षेत्र के 38 मतदान केंद्रों पर आज फिर से वोटिंग कराई जा रही है. हिंसक झड़प के बीच यहां वोटिंग प्रतिशत काफी रहा था, जिसके बाद चुनाव आयोग ने इन मतदान केंद्रों पर फिर से मतदान कराने का फैसला लिया था.

 

मध्य प्रदेश उपचुनाव
मध्य प्रदेश के भिंड जिले की अटेर में 60 और उमरिया जिले की बांधवगढ़ विधानसभा सीट पर 9 अप्रैल को 65 फीसदी मतदाताओं ने वोटिंग की. प्रदेश में पहली बार दोनों उपचुनाव में ईवीएम के साथ वीवीपीवीटी का भी उपयोग किया गया.

अटेर विधानसभा में इवीएम में गड़बडी के आरोप और फर्जी मतदान के चलते पूरे देश में चर्चा का विषय बन चुका है. सीएम शिवराज सिंह ने जहां बीजेपी को जिताने के लिए दिन-रात एक कर दिया था तो दूसरी तरफ कांग्रेस की ओर से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पूरी ताकत लगा दी थी.

अटेर विधानसभा की बात करें तो यहां कुल 21 प्रत्याशी मैदान में हैं. कांग्रेस से हेमन्त कटारे मैदान में हैं, जबकि बीजेपी से अरविन्द भदौरिया उम्मीदवार हैं. समाजवादी पार्टी से दिनेश भदौरिया चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि इस बार बीएसपी ने उपचुनाव से दूरी बनाकर रखी है. निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या 18 है. मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही बताया जा रहा है.

बांधवगढ़ की बात करें तो यहां 5 प्रत्याशी मैदान में हैं. जिसमें कांग्रेस से सावित्री सिंह और भाजपा के शिवनारायण सिंह के बीच सीधा मुकाबला है.

राजस्थान उपचुनाव
राजस्थान की धौलपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनावों में वोटिंग का प्रतिशत 80 फीसदी रहा. आपको बता दें कि 2013 में इस सीट पर 81 प्रतिशत मतदान हुआ था. इस चुनाव में राजस्थान में पहली बार वीवीपीएटी मशीनों का भी इस्तेमाल हुआ.

धौलपुर की एक अदालत द्वारा बीएसपी विधायक बी एल कुशवाहा को ह्त्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाये जाने के बाद, उनकी सदस्यता समाप्त होने के कारण सीट रिक्त हुई है. बीजेपी ने बीएसपी से पूर्व विधायक बी एल कुशवाहा की पत्नी को टिकिट देकर मैदान में उतारा था, तो दूसरी ओर कांग्रेस ने अपने सबसे दिग्गज बनबारी लाल शर्मा को मैदान में उतारकर किस्मत आजमाई है.

दिल्ली उपचुनाव
राजौरी गार्डन विधानसभा उपचुनाव के लिए कुल 46.60 फीसद मतदान दर्ज किया गया था. 2013 और 2015 की तुलना में कम वोट पड़े. दिल्ली में 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में 72 फीसदी मतदान हुआ था. यहां से आम आदमी पार्टी के विधायक जनरैल सिंह ने पंजाब विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दे दिया था जिस वजह से यहां उपचुनाव की जरूरत पड़ी.

झारखंड उपचुनाव
झारखंड के लिट्टीपाड़ा विधानसभा उपचुनाव के लिए हुआ मतदान शांतिपूर्ण रहा और 68 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इस साल जनवरी में दिल का दौरा पड़ने से झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक अनिल मुरमु के देहांत के बाद इस सीट पर चुनाव की जरूरत पड़ी.

पिछले 40 सालों से इस सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा का कब्जा रहा है. बीजेपी ने उपचुनावों में इस सीट को हासिल करने की काफी कोशिश की है. उप चुनाव के मद्देनजर झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास ने भी खुद पांच दिनों तक पार्टी उम्मीदवार के लिए प्रचार किया था. बीजेपी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के पूर्व नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री हेमलाल मुरमु को मैदान में उतारा है जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से कद्दावर नेता सिमोन मरांडी किस्मत आजमा रहे हैं.

असम उपचुनाव
असम की धेमाजी विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव में 66.97 फीसदी वोटिंग हुई. इस उपचुनाव की खास बात रही कि राज्य में पहली बार मतदान के लिए वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रायल (वीवीपीएटी) मशीनों का इस्तेमाल किया गया.

असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के अपने संसदीय सीट से इस्तीफा देने के बाद भारतीय जनता पार्टी के विधायक प्रधान बरुआ के लखीमपुर निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य चुने जाने के बाद यहां उप चुनाव जरूरी हो गया था.

हिमाचल उपचुनाव
हिमाचल प्रदेश में इसी वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भोरंज विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में 63 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया.

पश्चिम बंगाल उपचुनाव
पश्चिम बंगाल के पूर्वी मिदनापुर जिले में कंठी दक्षिण विधानसभा सीट पर उपचुनाव में 79.7 फीसदी मतदान हुआ. तृणमूल विधायक दिब्येंदु अधिकारी के तमलुक सीट से लोकसभा के लिए निर्वाचित हो जाने के बाद यहां उपचुनाव कराया गया.

सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के चंद्रिमा भट्टाचार्य और बीजेपी के सौरिंद्र मोहन जना, माकपा के उत्तम प्रधान एवं कांग्रेस के नबाकुमार समेत पांच उम्मीदवार इस सीट से अपना भाग्य आजमा रहे हैं.

कर्नाटक उपचुनाव
राज्य विधानसभा की दो सीटों- नंजनगुड (मैसूरु) और गुंडलपेट (चामराजनगर) के लिए रविवार को हुए चुनाव में 67 फीसदी से अधिक मतदाताओं ने मताधिकार का उपयोग किया.

नंजनगुड में पूर्व मंत्री वी.श्रीनिवास प्रसाद के इस्तीफा देने के कारण उपचुनाव कराया गया जबकि गुंडलपेट में तत्कालीन एच एस महादेव प्रसाद के निधन के कारण उपचुनाव हुआ है. पिछले साल मंत्रिमंडल पुनर्गठन के दौरान हटाए जाने से नाराज होकर श्रीनिवास प्रसाद ने कांग्रेस छोड़ दी थी. नंजनगुड (अजा-सुरक्षित) से श्रीनिवास इस बार बीजेपी के उम्मीदवार हैं जबकि गुंडलपेट से महादेव प्रसद की पत्नी गीता उर्फ मोहन कुमार कांग्रेस की उम्मीदवार हैं. जद (ध) ने दोनों सीटों पर उम्मीदवार नहीं उतारे हैं

Share This News :