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कोयला घोटालाः अपने ही पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा के खिलाफ CBI ने दर्ज की FIR

सीबीआई ने मंगलवार को अपने ही पूर्व डायरेक्टर रंजीत सिन्हा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. रंजीत सिन्हा पर कोयला घोटाले की जांच को प्रभावित करने की कोशिश का आरोप है.

पू्र्व सीबीआई प्रमुख सिन्हा की भूमिका की जांच का निर्णय सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लिया था. सुप्रीम कोर्ट ने तीन माह पहले सीबीआई के स्पेशल निदेशक एम.एल. शर्मा को मामले की जांच का जिम्मा सौंपा था.

जस्टिस मदन बी. लोकुर की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने जनवरी में कहा था कि शुरुआती जांच के बाद वो इस तर्क से सहमत हैं कि रंजीत सिन्हा ने सीबीआई प्रमुख के तौर पर अपने पद का गलत इस्तेमाल किया था.

2012 से 2014 तक रहे थे CBI चीफ
गौरतलब है कि सिन्हा साल 2012 से 2014 तक सीबीआई के निदेशक रहे थे और इस दौरान उन्होंने कोयला घोटाले के आरोपियों से मुलाकात की थी. इसमें कुछ राजनेता और बिजनेसमैन भी शामिल थे. यह मुलाकात सिन्हा के सरकारी आवास पर होती थी.

SIT ने की थी रंजीत सिन्हा से पूछताछ
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोर्ट द्वारा जांच के आदेश दिए जाने के बाद सिन्हा मार्च के आखिरी सप्ताह में सीबीआई हेडक्वार्टर पहुंचे थे. इस दौरान सिन्हा से पूछताछ की गई थी. सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर लेवल के अधिकारी और सीबीआई की स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) के एक एसपी स्तर के अधिकारी ने उनसे पूछताछ की थी.

SC ने दिए थे SIT गठन के निर्देश
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने इस साल 23 जनवरी को सिन्हा के खिलाफ जांच के लिए एसआईटी का गठन करने के निर्देश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एम.एल. शर्मा की कमेटी ने जांच में रंजीत सिन्हा को दोषी पाया था. कमेटी ने वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण द्वारा कोर्ट में दी गई रंजीत सिन्हा के सरकारी आवास की विजिटर्स डायरी को सही करार दिया था.

1974 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं पूर्व CBI बॉस
रिपोर्ट में कहा गया कि इन मुलाकातों से संभव है कि रंजीत सिन्हा ने जांच के काम को प्रभावित करने की कोशिश की हो. फिलहाल रंजीत सिन्हा पर एफआईआर दर्ज होने के बाद उनकी गिरफ्तारी को लेकर भी तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. बताते चलें कि रंजीत सिन्हा 1974 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं.

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