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मायावती का पलटवार- नसीमुद्दीन ब्लैकमेलर, ऑडियो टेप से छेड़छाड़ हुई

बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी से बर्खास्त नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर पलटवार करते हुए उन्हें ब्लैकमेलर करार दिया है. उन्होंने कहा कि जो आदमी अपनी पार्टी के नेता की बात को टेप करता हो, वो किसी का क्या होगा.

उन्होंने कहा कि नसीमुद्दीन किसी का हितैषी नहीं हो सकता. नसीमुद्दीन के खिलाफ पश्चिमी यूपी, लखनऊ मंडल और उत्तराखंड से भी पार्टी के नेताओं ने मुझसे शिकायत की. पार्टी नेताओं ने कहा कि आप ने जिनको ऊपर बैठाया है, उन्हें नहीं हटाएंगी, तो पार्टी आगे बढ़ने के बजाय पीछे चली जाएगी.

माया ने कहा कि नसीमुद्दीन बहुत बड़ा ब्लैकमेलर है. पार्टी नेताओं के फोन टेप करता है. अपने लोगों को आगे करते रहे हैं और पार्टी के वफादार कार्यकर्ताओं को साइड करते हैं. साथ ही धमकी देते हैं कि अगर काम नहीं किया, तो टेप बहनजी को भेज दूंगा. उन्होंने कहा कि अपनी जिम्मेवारी को निभाते हुए मैंने ये भी महसूस किया कि ईवीएम के साथ पार्टी के वरिष्ठ लोगों ने भी अपनी भूमिका ठीक से नहीं निभाई.

नसीमुद्दीन पर मायावती के पलटवार की बड़ी बातें-
- पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते नसीमुद्दीन को पार्टी से बाहर किया. पश्चिमी यूपी, लखनऊ डिवीजन के लोगों ने नसीम के खिलाफ शिकायत की. उन्होंने कहा कि हमें नसीमुद्दीन सिद्दीकी नहीं चाहिए.

 

- बहुजन समाज पार्टी दूसरी पार्टियों की तरह बड़े-बड़े पूंजीपतियों से पैसा नहीं लेती है. बल्कि सदस्यता शुल्क से पार्टी और संगठन चलाती हैं.

- नसीमुद्दीन ने जो टेप सुनाया है, वो पूरा नहीं है. उसके साथ छेड़छाड़ हुई है.

- मैं हमेशा पार्टी से लोगों से कहती हूं कि हर महीने थोड़ा-थोड़ा धन जमाकर पार्टी के लिए जमा करना चाहिए.

- मेंबरशिप का पैसा आधा जमा हुआ था, आधा पैसा नसीमुद्दीन खा गए. गरीब और मजलूमों के पैसे को ये लोग खा जाए.. मैं ऐसा नहीं होने दूंगी.

- नसीमुद्दीन ने दूसरे मुस्लिम नेताओं को पार्टी में आगे नहीं बढ़ने दिया. बहुत लोगों के खिलाफ गलत आरोप लगाकर पार्टी से बाहर करा देते. पार्टी कार्यकर्ताओं से इनका व्यवहार बहुत खराब होता. इसीलिए यूपी से हटाकर मध्य प्रदेश में लगाया. 9 तारीख को नसीमुद्दीन को पैसा लेकर आना था. कई बार फोन कराया, लेकिन ये नहीं आए... क्योंकि दाल में काला था.

- नसीम के साथ जो लोग हैं उनका पैसा नसीमुद्दीन के कारोबार में लगा है.

- मुस्लिम समाज के लोग नसीम को कभी माफ नहीं करेंगे. उन्हें सोचना चाहिए था कि वे अपने समाज के बारे में क्या बोल रहे हैं. नसीम को निकालने के बाद मुस्लिम नेताओं के फोन आए और बोले कि बहुत अच्छा हुआ. मुस्लिम समाज के लोगों ने कहा कि नसीम बसपा में जैमर था, दूसरों को आने नहीं देता.

- मुझे आजतक नसीम और पूरे उत्तर प्रदेश के लोगों ने नहीं बताया कि उसकी बेटी भी है. उसके तो लड़के ही लड़के है. मुझे मालूम था कि उसने अन्य संबंधी की लड़की गोद ली है.

- जो आदमी अपने लड़के को चुनाव नहीं जिता सकता. वो अपनी ताकत बता रहा है. सन 1990 में बांदा नगर पालिका में चुनाव लड़ा था, निर्दलीय लड़ा था और बुरी तरह हारे थे. ये ताकत बताते हैं. चेयरमैन का चुनाव नहीं जीत पाए और अपनी ताकत बताते हैं. हारने के बाद इनको लगा कि बीएसपी के बिना नहीं जीत सकते. 1991 में बीएसपी के जोर पर ये चुनाव जीत पाए.

- नसीमुद्दीन की कार्यशैली खराब थी उसी के चलते 1993 में चुनाव हारे, और फिर कभी चुनाव नहीं जीत पाए. जो आदमी अपने नेता की बातचीत टेप कर सकता है, वो वफादार कैसे हो सकता है. आज मुझे पचा चला कि ये सच में टेपर और ब्लैकमेलर है.

- सतीश चंद्र मिश्रा से कोई तुलना नहीं है. अपनी बहनों से भी ज्यादा सम्मान देते हैं. पार्टी के लीगल हेड की जिम्मेदारी संभाली है. सतीश चंद्र मिश्रा ने मुझे बताया था कि वे सबसे ज्यादा इनकम टैक्स देते थे. पूरा परिवार बहुत सम्मानित है.

- पूरे यूपी के लोग कहते हैं कि जब से आपने अपने भाई को पार्टी उपाध्यक्ष बनाया है, तबसे इनको ज्यादा परेशानी है. मेरा भाई नेता, एमएलए और सांसद नहीं बनेगा बल्कि पार्टी को चलाएगा.

- नसीमुद्दीन के बारे में मान्यवर कांशीराम हमेशा कहते थे कि इस आदमी पर भरोसा नहीं किया जा सकता. मायावती आप सावधान रहे. 26 अप्रैल को पार्टी की बैठक में लोगों ने नसीमुद्दीन के खिलाफ आवाज उठाई.

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