जान जोखिम में डालकर इस जू में जाते हैं लोग, खौफनाक होता है नजारा
10 जून 1793 को पहला पबà¥à¤²à¤¿à¤• जू पेरिस शहर में खोला गया था। इस मौके पर आज हम आपको à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ चिड़ियाघर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां जान जोखिम में डालकर लोग जानवरों के देखने जाते हैं। चीन के चॉनà¥à¤—किंग सिटी सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ इस जू का नाम है लेहे लेडू वाइलà¥à¤¡ लाइफ। और à¤à¥€ जानिà¤...
आमतौर पर खतरनाक जानवरों को चिड़ियाघर या फिर सरà¥à¤•à¤¸ के अंदर पिंजरे या बाड़े में कैद करके रखा जाता है, ताकि ये किसी को नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ न पहà¥à¤‚चा सकें। लेकिन चीन के चॉनà¥à¤—किंग सिटी का लेहे लेडू वाइलà¥à¤¡ लाइफ चिड़ियाघर काफी अलग है। यहां पर लोगों को पिंजरे में बंद करके इन खतरनाक जानवरों को बेहद करीब से देखने का मौका दिया जाता है। हालांकि, पहले à¤à¤¸à¤¾ नहीं होता था। दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤° के तमाम जू की तरह यहां à¤à¥€ लोग बाड़े के बाहर से ही इन जानवरों का दीदार करते थे। लेकिन साल 2015 में चिड़ियाघर पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन ने लोगों को शेर, बाघ जैसे खतरनाक जानवरों को करीब से दिखाने के लिठये तरीका अपनाया। इस दौरान पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ ने पिंजरे के बाहर मीट के टà¥à¤•à¤¡à¤¼à¥‡ à¤à¥€ बांध दिà¤, जिससे ये जानवर पिंजरे के करीब दौड़े चले आते हैं।
चिड़ियाघर के अधिकारी चैन लियांग का कहना है कि शेर और बाघ जैसे खतरनाक जानवरों के पास जाना बेहद खतरनाक है। लेकिन इस वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ के जरिठहम चाहते हैं कि टूरिसà¥à¤Ÿ में रोमांच पैदा हो और वे जू घूमने का पूरा आनंद उठा सकें। हालांकि, टूरिसà¥à¤Ÿ को इस दौरान अपनी अंगà¥à¤²à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ पिंजरे के अंदर रखने की à¤à¥€ हिदायत दी जाती है।