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रिजर्व बैंक ने घटाईं ब्याज दरें, पढ़ें कितनी सस्ती होगी आपके घर-कार की ईएमआई!

नए आरबीआई गवर्नर ऊर्जित पटेल ने देशवासियों को दिवाली गिफ्ट दिया है। आरबीआई ने नीतिगत दरों में 0.25 फीसदी की कटौती करने का ऐलान किया है। इस तरह, 0.25 फीसदी की कटौती के बाद रेपो रेट 6.5 फीसदी से घटकर 6.25 फीसदी हो गया है। इसका मतलब ये कि अब बैंकों को आरबीआई से सस्ता कर्ज मिल सकेगा। उम्मीद की जा सकती है कि वो उसका फायदा ग्राहकों तक भी पहुंचाएंगे। ऊर्जित पटेल की गवर्नर बनने के बाद ये पहली क्रेडिट पॉलिसी है। साथ ही मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी बनने के बाद भी ये पहली क्रेडिट पॉलिसी है। मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की अगली बैठक 6-7 दिसंबर को होगी।
वहीं रिवर्स रेपो रेट 6 फीसदी से घटकर 5.75 फीसदी हो गया है। रिवर्स रेपो पर ही बैंक अपना पैसा आरबीआई के पास रखते हैं। आरबीआई ने सीआरआर में कोई बदलाव नहीं किया है और ये 4 फीसदी पर कायम है। आरबीआई ने दिसंबर 2016 तक महंगाई दर 5 फीसदी रहने का अनुमान दिया है। मार्च 2017 तक महंगाई दर 5.3 फीसदी रहने का अनुमान दिया है, जबकि मार्च 2018 तक महंगाई दर 4.5 फीसदी रहने का अनुमान है।
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2017 के लिए जीवीए ग्रोथ 7.6 फीसदी रहने का अनुमान जताया है, जबकि वित्त वर्ष 2018 के लिए जीवीए ग्रोथ 7.9 फीसदी रहने का अनुमान दिया है। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2018 के ग्रोथ का अनुमान बरकरार रखा है लेकिन जोखिम बढ़ गया है।
आरबीआई के मुताबिक खाने-पीने की चीजों की कीमतों में बढ़त से महंगाई बढ़ सकती है। सातवें वेतन आयोग की वजह से घर का किराया बढ़ेगा। लेकिन, आगे महंगाई काबू में रहने की उम्मीद है। हालांकि 4 फीसदी के रिटेल महंगाई के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सतर्क रहना होगा। अंतरराष्ट्रीय ग्रोथ में गिरावट का जोखिम बढ़ गया है। तेल के दाम बढ़ने से महंगाई पर दबाव दिख सकता है। खाने-पीने की चीजों की कीमतों में जुलाई के बाद राहत मुमकिन है।
पॉलिसी पर बात करते हुए ऊर्जित पटेल ने कहा कि ग्लोबल मांग कमजोर है। ग्लोबल डिमांड में कमी से एक्सपोर्ट घटा है। आईएमएफ ग्लोबल जीडीपी के अपने अनुमान घटा सकता है। ऊर्जित पटेल का मानना है कि इमर्जिंग मार्केट में उतार-चढ़ाव बना रहेगा।
महंगाई पर बात करते हुए ऊर्जित पटेल ने कहा कि सरकारी नीतियों से महंगाई में कमी आ सकती है। खाने-पीने की चीजों की सप्लाई में सुधार हुआ है, लेकिन महंगाई के बढ़ने का जोखिम भी बना हुआ है।
एनपीए पर ऊर्जित पटेल ने कहा कि एनपीए देश के लिए बड़ी चुनौती है, लेकिन एनपीए में सुधार में समय लगेगा। उनका ये भी कहना है कि एनपीए के कारण क्रेडिट ग्रोथ में कमी नहीं आएगी।
आइए अब हम देखते हैं कि दरों में इस कटौती के बाद हमारे लोन की स्थिति क्या होगी। अभी अगर हम 20 साल के लिए 20 लाख रुपये का लोन लेते हैं तो हमें 9.50 फीसदी ब्याज दर पर 18643 रुपये की ईएमआई देनी होती है। वहीं अगर अब बैंक दरों में 0.25 फीसदी के इस कट को ग्राहकों को पास ऑन कर देते हैं तो 20 साल के लिए 20 लाख रुपये के लोन पर 9.25 फीसदी ब्याज दर पर 18317 रुपये ईएमआई देनी होगी। इस तरह हर महीने 326 रुपये और पूरे साल में 3912 रुपये की बचत होगी।
इसी तरह अगर हम अभी 5 साल के लिए 5 लाख रुपये का कार लोन लेते हैं तो हमें 10.25 फीसदी ब्याज दर पर 21371 रुपये की ईएमआई देनी होती है। वहीं अगर अब बैंक दरों में 0.25 फीसदी के इस कट को ग्राहकों को पास ऑन कर देते हैं तो 5 साल के लिए 5 लाख रुपये के कार लोन पर 10 फीसदी ब्याज दर पर 21248 रुपये ईएमआई देनी होगी। इस तरह हर महीने 123 रुपये और पूरे साल में 1476 रुपये की बचत होगी।

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